गगन अदृश्य है कई मुझमे मैं खुद से मिलने का जरिया हूँ मैं इक खुली किताब आ पढ़ मुझे मैं इक बूँद मे पूरा दरिया हूँ.... ©Karanjeet Sawariyan मैं खुद से मिलने का.
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