पालना मे राम लला झूले,
श्री राम के बालक्रीड़ा के पल मिले,
ऐसे पल फिर आ रहे है
हम ऐसी अयोध्या पा रहे है,,
सरयू तट पर खूब धूम मचाये,
बाल लीला अपनी रचाये,
नटखट रामलला फिर रिझा रहे है,
हम ऐसी अयोध्या पा रहे है,,
माँ कौशल्या सुमित्रा जाए बलिहारी,
माँ केकई भी गीत गाये मंगलकारी,,
तीन तीन माताये स्नेह लूटा रही है,
हम ऐसी अयोध्या पा रहें है,,
माँ सीता को जहा वर लाये,
कितने सुनहरे पल उन संग बिताये,
माँ सीता संग प्रभु मुस्कुरा रहे है,,
ऐसी अयोध्या हम पा रहे है,,
भरत सा भाई ना मिलें कही दूजा,
भाई की खड़ाऊ रख जिसने पूजा,
लक्ष्मण अटूट साथ निभा रहे है,
ऐसी अयोध्या हम पा रहे है,
शुरू हुआ जहा दिपो का पर्व,
होने चला फिर से हमे गर्व,
अगमन पर दीप जला रहे है,
ऐसी अयोध्या हम पा रहे है,,
सुखो का सागर जहा बह रहा,
कण कण श्री राम कह रहा,
राम राज्य फिर ला रहे है,
ऐसी अयोध्या हम पा रहे है,,
माँ सरयू का मिला अमृत गागर,
श्री राम पहुंचे जहा से क्षिर सागर,,
अमृत गागर फिर छलका रहै है,
ऐसी अयोध्या हम पा रहे है,,,
देवता जहा पुष्प बरसा रहे है,
भाग्य हम अपना चमका रहे है,
बहुत राह देखी हमने प्रभु की
रघुवर अब अयोध्या आ रहे है,,
श्री राम वाली अयोध्या पा रहे है.....!
✍️नितिन कुवादे....
©Nitin Kuvade
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