Drown
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#शायरी #Drown  कीमतें हमारी लगाई जा रही हैं 
बिक जाएं क्या ?

चले जाएं उस छांव में जो पसंद नहीं 
या फिर धूप में ही अकेले रुक जाएं क्या ?

तुम तो काफ़ी सस्ते में गए हो
महंगाई खुद चलकर आई हैं 

पहले से हैं 
और महँगे हो जाएं क्या ?

©gaTTubaba

#Drown कीमतें हमारी लगाई जा रही हैं बिक जाएं क्या ? चले जाएं उस छांव में जो पसंद नहीं या फिर धूप में ही अकेले रुक जाएं क्या ? तुम तो काफ़ी सस्ते में गए हो महंगाई खुद चलकर आई हैं पहले से हैं और महँगे हो जाएं क्या ?

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#sprinklestargirl #Ladko #Prd  बड़े बड़े आशिको की डूब जाति है नैया.....,
जब लड़की बोल देती है मुस्कुराकर thank you bhaiya😅😂😁🤣😂

©प्रेरक विचार

#Ladko ka gam jo khatam ho nahi hota....😅🤣😂 #sprinklestargirl#Prd#

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घाट का एक.. ख़ामोश पत्थर हूं मैं, मैने नदी के हजार .. नखरे देखे हैं..!! ©अनन्य कृष्ण

#Drown  घाट का एक..
 ख़ामोश पत्थर हूं मैं, 

मैने नदी के हजार ..
नखरे देखे हैं..!!

©अनन्य कृष्ण

#Drown

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अपनी अपनी पीठ सभी थपथपा रहे हैं। अपनी उपलब्धि की डफ़ली बजा रहे हैं। लेकिन पूछो हाल तनिक बाजारों का- वह तो अपनी अलग कहानी बता रहे हैं। औरों की मेहनत को अपनी बता रहे हैं। कामयाबी की लंबी फेहरिस्त गिना रहे हैं। किया जिन्होंने उनकी नहीं है कोई क़ीमत- लेकिन अपनी क़ीमत ऊँची उठा रहे हैं। अपनी नाकामी नज़रों से छुपा रहे हैं। पर करने वालों को फालतू बता रहे हैं। ऊपर वाला ख़ुद को ख़ुदा समझ बैठा है- नीचे वाले को सब नीचा दिखा रहे हैं। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki

#आत्ममुग्धता #कविता  अपनी अपनी पीठ सभी थपथपा रहे हैं।
अपनी उपलब्धि की डफ़ली बजा रहे हैं।
लेकिन पूछो हाल तनिक बाजारों का-
वह तो अपनी अलग कहानी बता रहे हैं।

औरों की मेहनत को अपनी बता रहे हैं।
कामयाबी की लंबी फेहरिस्त गिना रहे हैं।
किया जिन्होंने उनकी नहीं है कोई क़ीमत-
लेकिन अपनी क़ीमत ऊँची उठा रहे हैं।

अपनी नाकामी नज़रों से छुपा रहे हैं।
पर करने वालों को फालतू बता रहे हैं। 
ऊपर वाला ख़ुद को ख़ुदा समझ बैठा है-
नीचे वाले को सब नीचा दिखा रहे हैं।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©Ripudaman Jha Pinaki
#ज़िन्दगी  जीते जीते कट गई उम्र आधी फिर भी जीने का सलीका न आ पाया है।
सुना है ।
कहते है।लोग  के ये इसको न उसको किसी भी अजनबी को खुश नही रख पाया है।

©sanjay singh Bhadouria

जीते जीते कट गई उम्र आधी फिर भी जीने का सलीका न आ पाया है। सुना है । कहते है।लोग के ये इसको न उसको किसी भी अजनबी को खुश नही रख पाया है। ©sanjay singh Bhadouria

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#شاعری۔  zindagi ke kashmokash me
maut sabse asan lagti h
jise jine ki chahat thi
use aj zindagi bejaan lagti h

©Maryam Rashid

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