"हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन रग-रग हिन्दू मेरा परिचय" मैं शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार, डमरू की वह प्रलय ध्वनि हूं जिसमें नचता भीषण संहार, रणचंड.
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