"हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन रग-रग हिन्दू मेरा परिचय"
मैं शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार,
डमरू की वह प्रलय ध्वनि हूं जिसमें नचता भीषण संहार,
रणचंडी की अतृप्त प्यास मैं दुर्गा का उन्मत्त हास ,
मैं यम की प्रलयंकर पुकार ,जलते मरघट का धुआंधार ,
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती में आग लगा दूं मैं,
यदि धधक उठे जल थल अंबर जड़ चेतन तो कैसा विस्मय॥
परम आदरणीय पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन 🙏🙏🙏💐💐💐💐
©Anil Gautam
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