लम्हा written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
लम्हा लम्हा ज़िन्दगी कतरा कतरा कर के बिखर रही है।
लांघना बाक़ी है वो तिरस्कार जो लम्हे सांसे भर रहे है दिल में ।
अधजले पन्नों में उड़ते सपने जो संजयोए थे कहीं।
रेत के बावंडर में उड़ते है कहीं।
लम्हा लम्हा हम खुद को खुद से मिलवा रहे है।
लम्हा लम्हा खुद के सपनों को फिर से साजा रहे है।
#लम्हा#lamha#myfeelings#Pain#Heart#Ambitions#sapne#Dil
written by Harshita ✍️✍️
#jazzbaat
लम्हा लम्हा ज़िन्दगी कतरा कतरा कर के बिखर रही है।
लांघना बाक़ी है वो तिरस्कार जो लम्हे सांसे भर रहे है दिल में ।
अधजले पन्नों में उड़ते सपने जो संजयोए थे कहीं।
रेत के बावंडर में उड़ते है कहीं।
लम्हा लम्हा हम खुद को खुद से मिलवा रहे है।
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