Walking Alone
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स्मृतियों के जंगल बहुत घने होते हैं, बहुत विशाल होते हैं और दूर ज़हां तक आपकी नजर जाती है ये वहां तक अपनी बांहें फैलाए आपका स्वागत करने को आतुर रहते हैं इनको ठिकाना मत बनाइए विश्राम कीजिये, सुस्ताइये और जितना जल्दी हो सके वापिस आ जाइये इनको अपना स्थाई पता ना बनाइए वरना ये आपको जीने नहीं देंगे कुछ पल ठहरकर वापिस आ जाइये कुछ लोग कुछ जिम्मेदारियां कुछ दायित्व,आपकी राह देख रहे हैं। ©अपर्णा विजय

#स्मृतियों #कविता  स्मृतियों के जंगल बहुत घने होते हैं,
 बहुत विशाल होते हैं
और दूर ज़हां तक आपकी नजर जाती है 
ये वहां तक अपनी बांहें फैलाए
 आपका स्वागत करने को आतुर रहते हैं
इनको ठिकाना मत बनाइए 
विश्राम कीजिये, सुस्ताइये 
और जितना जल्दी हो सके वापिस आ जाइये
इनको अपना स्थाई पता ना बनाइए
वरना ये आपको जीने नहीं देंगे
कुछ पल ठहरकर वापिस आ जाइये
कुछ लोग कुछ जिम्मेदारियां 
 कुछ दायित्व,आपकी राह देख रहे हैं।

©अपर्णा विजय

#स्मृतियों के जंगल

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चलो खतम करते हैं ये दिखावे का रिश्ता आज से तुम अपने रास्ते और मैं अपने रास्ते,!!Thakur.Ps ©Thakur Preeti Singh

 चलो खतम करते हैं ये
दिखावे का रिश्ता
आज से तुम अपने रास्ते और
मैं अपने रास्ते,!!Thakur.Ps

©Thakur Preeti Singh

चलो खतम करते हैं ये दिखावे का रिश्ता आज से तुम अपने रास्ते और मैं अपने रास्ते,!!Thakur.Ps ©Thakur Preeti Singh

12 Love

मै बीते कल मे गुजरी हूं जिन हालातों से उन हालातों में जो मेरे काम नहीं आया उनसे कैसी वफ़ा,कैसी दोस्ती,कैसी रिश्तेदारी ©Pushpa Rai...

#मोटिवेशनल #beStrongAlways #WalkingInalone  मै बीते कल मे गुजरी हूं जिन हालातों से 
उन हालातों में जो मेरे काम नहीं आया 
उनसे कैसी वफ़ा,कैसी दोस्ती,कैसी रिश्तेदारी

©Pushpa Rai...

सुनो, तुम्हें पता है कल रात तुम फिर सपने में आ गये... यूँ तो हक़ीक़त में वक़्त की धूल के चलते सब कुछ धुंधला सा हो गया है किन्तु उस स्वप्न में वही सारी फीलिंग्स जीवंत दिखाई पड़ी। स्वप्न में कुछ ऐसा दिख रहा था, मानो मुझे किसी खास कार्यक्रम के लिए तैयार होना था जिसके लिए मैंने करीब सप्ताह भर पहले बता रख्खा था कि जो कोई मुझे सबसे ज्यादा प्यार करता होगा वही मेरा मेक-अप करेगा। स्वप्न चल रहा था, मैंने देखा मेरा मेक अप कोई और करने ही वाला था कि तभी तुम मेक अप किट लिए भागते भागते मेरे पास तक आ पहुंचे.! उस समय तुम्हारी ही चर्चा चल रही थी, कोई कह रहा था जो इसे बहुत प्यार करती थी वो तो बेचारी कहीं और चली गई है, अब जो कर रही है उसे ही यह माना जाये कि वही इससे सबसे ज्यादा प्यार करती है.. हालांकि मुझे उससे मेक -अप करवाने का मन नहीं था मगर बात ही कुछ ऐसी हुई थी.. कि तभी मेरी नज़र तुम पर पड़ी,... तुम.. खामोश खड़े केवल आँखों से झर झर आसूं बहा रहे थे, मानो तुमने आने में देर कर दी हो.. या तुम चाहकर भी इस इम्तिहान में सफल ना हो पाये हो..! मानो तुम सब कुछ गंवा चुके हो.. लेकिन तब तक मेरा मेक अप हो चुका था, और तुम मेक-अप किट वहीं छोड़कर वापस लौट गये.... मानो खुद पूरी निष्ठा से संघर्ष करने के बाद भी कोई इंसान असफल हो गया हो.. उस वक़्त तुम जो सोच रहे थे मुझे वह भी महसूस हो रहा था-"मैंने ख़बर मिलते ही कितनी मुश्किल से सबको मनाकर दौड़ती भागती आई, मगर अब बेकार हो गया.. लेकिन मैं कर भी क्या सकती थी नहीं आ पाई समय पर नहीं आ पाई.. और ऐसा सोच सोचकर तुम तकलीफ में दिख रहे थे.. और मैं केवल तुम्हें उस स्थिति में ही देख रहा था..उस वक़्त जो तुम्हारे अन्दर बीती होगी और जो मेरे अन्दर बीती होगी उस पीड़ा को क्या शब्दों में लिखा जा सकेगा..! हाँ मगर उस स्वप्न के टूटते ही, मानो मैंने सब कुछ खो दिया था.. क्यूंकि सपने में तो तुम थे ना.. पर हकीकत में तुम कहां..? ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#विचार #WalkingInWoods  सुनो, तुम्हें पता है कल रात तुम फिर सपने में आ गये... यूँ तो हक़ीक़त में वक़्त की धूल के चलते सब कुछ धुंधला सा हो गया है किन्तु उस स्वप्न में वही सारी फीलिंग्स जीवंत दिखाई पड़ी। स्वप्न में कुछ ऐसा दिख रहा था, मानो मुझे किसी खास कार्यक्रम के लिए तैयार होना था जिसके लिए मैंने करीब सप्ताह भर पहले बता रख्खा था कि जो कोई मुझे सबसे ज्यादा प्यार करता होगा वही मेरा मेक-अप करेगा।
स्वप्न चल रहा था, मैंने देखा मेरा मेक अप कोई और करने ही वाला था कि तभी तुम मेक अप किट लिए भागते भागते मेरे पास तक आ पहुंचे.! उस समय तुम्हारी ही चर्चा चल रही थी, कोई कह रहा था जो इसे बहुत प्यार करती थी वो तो बेचारी कहीं और चली गई है, अब जो कर रही है उसे ही यह माना जाये कि वही इससे सबसे ज्यादा प्यार करती है.. हालांकि मुझे उससे मेक -अप करवाने का मन नहीं था मगर बात ही कुछ ऐसी हुई थी.. कि तभी मेरी नज़र तुम पर पड़ी,... तुम.. खामोश खड़े केवल आँखों से झर झर आसूं बहा रहे थे, मानो तुमने आने में देर कर दी हो.. या तुम चाहकर भी इस इम्तिहान में सफल ना हो पाये हो..! मानो तुम सब कुछ गंवा चुके हो.. लेकिन तब तक मेरा मेक अप हो चुका था, और तुम मेक-अप किट वहीं छोड़कर वापस लौट गये.... मानो खुद पूरी निष्ठा से संघर्ष करने के बाद भी कोई इंसान असफल हो गया हो.. उस वक़्त तुम जो सोच रहे थे मुझे वह भी महसूस हो रहा था-"मैंने ख़बर मिलते ही कितनी मुश्किल से सबको मनाकर दौड़ती भागती आई, मगर अब बेकार हो गया.. लेकिन मैं कर भी क्या सकती थी नहीं आ पाई समय पर नहीं आ पाई.. और ऐसा सोच सोचकर तुम तकलीफ में दिख रहे थे.. और मैं केवल तुम्हें उस स्थिति में ही देख रहा था..उस वक़्त जो तुम्हारे अन्दर बीती होगी और जो मेरे अन्दर बीती होगी उस पीड़ा को क्या शब्दों में लिखा जा सकेगा..!
हाँ मगर उस स्वप्न के टूटते ही, मानो मैंने सब कुछ खो दिया था.. क्यूंकि सपने में तो तुम थे ना.. पर हकीकत में तुम कहां..?

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

कभी मैंने भी तो किसी के सामने दिल अपना खोल कर रखा था । किन सवालों से,किस अज़िय्यत से गुज़र रही थी मैं ये लफ़्ज़-ब-लफ़्ज़ कहा था। लेकिन मेरे किसी लफ़्ज़ का उस शख़्स पर असर हुआ नहीं मेरे किसी दर्द,किसी तकलीफ़ ने उसके दिल को छुआ नहीं। इंतज़ार मैंने बहुत किया लेकिन उसने सब कुछ समझ कर नज़र-अंदाज़ कर दिया। उसने बस उतना समझा जितना उसके लिए ज़रूरी था, बाक़ी मेरी हर बात को शायद फ़िज़ूल समझ कर छोड़ दिया। इस मस'अले का कोई हल निकले ये उसके लिए शायद ज़रूरी नहीं था क्यूॅ़कि उसके हिसाब से तो सब कुछ हमेशा ही सही था। लेकिन सवाल मेरे थे, उलझने भी तो सिर्फ़ मेरी ही थीं, इसलिए इस सब का हल हो जाना भी शायद सिर्फ़ मेरे लिए ही ज़रूरी था। फ़िर मैंने ख़ुद ही हल निकाल लिया अपने हिसाब से अपनी उलझनों का मस'अला सिर्फ़ मेरा ही था अगर तो किसी और से उम्मीद रखना भी सही नहीं था। #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #Problems #basyunhi  कभी मैंने भी तो किसी के सामने 
दिल अपना खोल कर रखा था ।
किन सवालों से,किस अज़िय्यत से गुज़र रही थी मैं 
ये लफ़्ज़-ब-लफ़्ज़ कहा था।

लेकिन मेरे किसी लफ़्ज़ का उस शख़्स पर असर हुआ नहीं 
मेरे किसी दर्द,किसी तकलीफ़ ने उसके दिल को छुआ नहीं।

इंतज़ार मैंने बहुत किया लेकिन 
उसने सब कुछ समझ कर नज़र-अंदाज़ कर दिया।
उसने बस उतना समझा जितना उसके लिए ज़रूरी था,
बाक़ी मेरी हर बात को शायद फ़िज़ूल समझ कर छोड़ दिया।

इस मस'अले का कोई हल निकले ये उसके लिए शायद ज़रूरी नहीं था 
क्यूॅ़कि उसके हिसाब से तो सब कुछ हमेशा ही सही था।

लेकिन सवाल मेरे थे, उलझने भी तो सिर्फ़ मेरी ही थीं,
इसलिए इस सब का हल हो जाना भी शायद सिर्फ़ मेरे लिए ही ज़रूरी था।
फ़िर मैंने ख़ुद ही हल निकाल लिया अपने हिसाब से अपनी उलझनों का
मस'अला सिर्फ़ मेरा ही था अगर तो किसी और से उम्मीद रखना भी सही नहीं था।

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z

अपने हुस्न पर इतना इतरा गया कोई आशियाँ बन भी न पाया और बिखरा गया कोई ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#शायरी #WalkingInWoods  अपने हुस्न पर इतना इतरा गया कोई 
आशियाँ बन भी न पाया और बिखरा गया कोई

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
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