Maa माँ वो है जो सागर जैसी गहरी,
जो हमें अपने आँचल में समेटे।
उसके बिना जीवन सूना लगता है,
उसकी छांव में ही तो सुकून मिलता है।
वो आँखों में बसी एक चाँद सी रौशनी,
जो हर दुख-दर्द को छुपा लेती है सीनें में।
जब दुनिया लगे ठोकरें, माँ की गोदी में,
सभी परेशानियाँ लगती हैं छोटी-सी।
उसकी मुस्कान जैसे बर्फ पर सूरज की किरण,
जो हर ठंढे दिल को गरम कर देती है।
हर कठिनाई को वो चुपके से पार करती है,
और हमें बिना कहे हर दर्द सहती है।
माँ के प्यार का कोई मोल नहीं,
यह अनमोल है, सच्चा, और निस्वार्थ है।
वह हर दिन, हर रात, अपनी थकान को भूल,
हमारे सपनों को साकार करने में जुटी रहती है।
उसकी बातें न समझ पाए कोई शब्द,
उसका प्रेम न माप सके कोई मीटर।
माँ की ममता में बसी है पूरी दुनिया,
वो है सच्ची देवी, सच्ची रक्षक और प्रेम की मूर्ति।
सिर्फ एक बार जब दिल से माँ का नाम लो,
तुम पाएंगे सारा संसार उसका दिया हुआ।
उसकी छाया में ही हमारा जीवन है,
माँ ही तो है हमारे अस्तित्व का कारण।
इसलिए हमें हर दिन उसका आभार करना चाहिए,
जो बिना किसी उम्मीद के हमें ढाँपती है।
माँ की ममता अनंत और अनमोल है,
इसीलिए हर इंसान को माँ पर गर्व है।
©CHOUDHARY HARDIN KUKNA
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