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Happy Dussehra Happy Dusshera ©Anshul srivastava

#dushehra #Bhakti #RJANSH  Happy Dussehra  Happy Dusshera

©Anshul srivastava

Happy Dussehra अहंकार करने की हिमाकत किसी ने जब भी की जाओ उन्हें बताओ कि रावण ने उसकी क्या किम्मत दी ।। ©Ravinder Sharma

#Dusshera  Happy Dussehra  अहंकार करने की हिमाकत किसी ने जब भी की 
जाओ उन्हें बताओ कि रावण ने उसकी क्या किम्मत दी ।।

©Ravinder Sharma

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Happy Dussehra हमे पता है रावण को मारने राम आते है... सवाल ये है ! फिर वे , हर साल रावण कहा से लाते है... 😁😂😀 ©abhisri095

#एक_सवाल  Happy Dussehra    हमे पता है
रावण को मारने राम आते है...
सवाल ये है !
फिर वे ,
हर साल रावण कहा से लाते है...
😁😂😀

©abhisri095

Happy Dussehra अहँकार, लोभ, मोह माया के रावण को त्याग जिस दिन इंसान अहिंसा का पथ अपनाएगा सही मायनों में वही दिन दशहरा कहलाएगा

#charukhanna #Festival #Dusshera #thought  Happy Dussehra  अहँकार, लोभ, मोह माया के रावण को त्याग जिस दिन इंसान अहिंसा का पथ अपनाएगा सही मायनों में वही दिन दशहरा कहलाएगा

Happy Dussehra पुतले जलाने से क्या होगा, बस राख होगी, धुआं होगा.. झांक कर देख अपने गिरेबां में, रावण तुझसे तो अच्छा होगा.. -dr Vats

#विजयदशमी #दशहरा #रावण #MyThoughts #Challenge #Dussehra  Happy Dussehra  पुतले जलाने से क्या होगा, 
बस राख होगी, धुआं होगा..
झांक कर देख अपने गिरेबां में,
रावण तुझसे तो अच्छा होगा..
                                      -dr Vats

Happy Dussehra नवमम् सिद्दिदात्री च !! विलाप कर रही है अब नारी इस समाज पर, स्वार्थ निहित है बस पुरूषों का ही यहाँ । हैव़ानियत की हर गाज़ गिरती है नारी पर ही कोई बता भी तो दे मुझे नारी जाये कहाँ ? कैसी सहानुभूति है लोगों का नारी के प्रति, अपशगुन की वज़ह भी बनती है नारी ही यहाँ । कैसी पूजन फ़िर ये नवरात्रि की, मतलब बस ढ़ोंग ही ढ़ोंग है यहाँ । समाज के विचारों की प्रवाह, न जाने कितनों को ले डूब बैठेगी । नारियों के प्रति मन में जो है ऐसी सोच अकल्पनीय संसार देखने को विवश कर देगी ।

#nojotohindi #Nojoto  Happy Dussehra  नवमम् सिद्दिदात्री च !! 

  विलाप कर रही है अब नारी इस समाज पर, 
   स्वार्थ निहित है बस पुरूषों का ही यहाँ  ।                                                                       हैव़ानियत की हर गाज़ गिरती है नारी पर ही
      कोई बता भी तो दे मुझे नारी जाये कहाँ ?    

              कैसी सहानुभूति है लोगों का नारी के प्रति, 
                   अपशगुन की वज़ह भी बनती है नारी ही यहाँ ।
 कैसी पूजन फ़िर ये नवरात्रि की, 
   मतलब बस ढ़ोंग ही ढ़ोंग है यहाँ ।  
 
                  समाज के विचारों की प्रवाह, 
                         न जाने कितनों को ले डूब बैठेगी । 
                             नारियों के प्रति मन में जो है ऐसी सोच
                                      अकल्पनीय संसार देखने को विवश कर देगी ।

नवरात्रि : हकीकत #Nojoto #nojotohindi

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