Happy Dussehra नवमम् सिद्दिदात्री च !!
विलाप कर रही है अब नारी इस समाज पर,
स्वार्थ निहित है बस पुरूषों का ही यहाँ । हैव़ानियत की हर गाज़ गिरती है नारी पर ही
कोई बता भी तो दे मुझे नारी जाये कहाँ ?
कैसी सहानुभूति है लोगों का नारी के प्रति,
अपशगुन की वज़ह भी बनती है नारी ही यहाँ ।
कैसी पूजन फ़िर ये नवरात्रि की,
मतलब बस ढ़ोंग ही ढ़ोंग है यहाँ ।
समाज के विचारों की प्रवाह,
न जाने कितनों को ले डूब बैठेगी ।
नारियों के प्रति मन में जो है ऐसी सोच
अकल्पनीय संसार देखने को विवश कर देगी ।
नवरात्रि : हकीकत
#Nojoto #nojotohindi