किसी इश्क़ के हम-ओ-ख्याल थे हम भी कभी बा-कमाल तेरी खुशबू मुझ पे एहसान-ए-हवा गुफ्तगू-ए-मोहब्बत हर बात दर्दे दिल की दवा काश यूँ भी हो कि कह सके अब और न छिपाये.
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