ऐ दोस्त तुम्हें सेर सुनाना नहीं पड़ता. गम जिस्म से आगे बढ़ाना नहीं पड़ता. जो मुझको सुने तुमसे'समझे न मेरे सेर. वो सेर मुझे उसको सुनाना नहीं पड़ता. #अखलाक_.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here