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ओढ़ कर सो जाऊँ मैं बदन तेरा! मगर लिहाफ़ भी लगते हैं चैन पाने को ॥ #अखलाक साहिर
सींच डालूँ जिस्म की बंजर जमीं. पर अकेले काम मुश्किल है बड़ा. #अखलाक_साहिर
#AkhlaqueSahir
8 Love
ऐ दोस्त तुम्हें सेर सुनाना नहीं पड़ता. गम जिस्म से आगे बढ़ाना नहीं पड़ता. जो मुझको सुने तुमसे'समझे न मेरे सेर. वो सेर मुझे उसको सुनाना नहीं पड़ता. #अखलाक_साहिर
9 Love
कुछ अदाकारा वफादार बने फिरते हैं. हम मोहब्बत के तलबगार बने फिरते हैं. #अकलाक_साहिर
खलिश पैविस्त रहती है दिलों में. मोहब्बत कर भी लो!!महबूब मेरे. #अखलाक_साहिर
Waqte Qyamat Aan Pari Hai. Azr Mila Hai Aamalon Ka. #Akhlaque_Sahir
7 Love
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