चलो आज एक दिया जलाये मन के इस अंधियारे को क्यों न फिर से जग-मग कर जाये चलो आज एक दिया जलाये | संकट की इस घड़ी में हम सब साथ है क्यों न ये पुरे जग बतलाये चलो आज.
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