चलो आज एक दिया जलाये
मन के इस अंधियारे को
क्यों न फिर से जग-मग कर जाये
चलो आज एक दिया जलाये |
संकट की इस घड़ी में हम सब साथ है
क्यों न ये पुरे जग बतलाये
चलो आज एक दिया जलाये |
जंग जीते नहीं है अभी हम सब
क्यों न सबको ये याद दिलाये
चलो आज एक दिया जलाये |
कुछ है जो भूखे है अब भी
क्यों न उनकी भूख मिटाये
चलो आज एक दिया जलाये |
नाउम्मीदों की काली रातों में जी रहे हम सब
क्यों न उम्मीदों की एक नयी सुबह लाये
चलो आज एक दिया जलाये |
- Kartikey_Pandey
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