जनाब,अभी आप ,कहां ,इस दिल के गम जानते हैं
काम आती है आखिर बस एक कलम ,जानते हैं
तुम्हारे पूछे गए सभी, सवालों के ,जवाब देने की
कोशिश तो करते हैं ,भले ही थोड़ा कम जानते हैं
यूं तो सुन लेते हैं तुम्हारी, हर कहानी मुस्कुराते हुए
फिर उसके बाद की हालत तो, सिर्फ हम जानते हैं
बहुत संभलकर रखते हैं ,वो पैर इस दरिया में
जो इस में डूबने के बाद का ,आलम जानते हैं
।
©Manas Madhav Tiwari
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