मैं मुहब्बत फिर से कर तो लूँ मगर, ये तमाशा हमसे अब होगा नहीं।। -क़ातिब पूरी ग़ज़ल ये भँवर है आपकी दुनिया नही इस पते पर अब कोई रहता नहीं।। एक ही गम एक ही तकलीफ है.
1 Stories
4 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here