Poem for your love in 7 Words वो मुझसे नाराज़ ज़रुर होती है
फिर भी उसे मेरी फ़िक्र होती है
खुद रूठती है फिर मान भी जाती है
लेकिन नखरे फिर भी दिखाती है
करते है बाते हम फोन पर
लेकिन वो पास महसूस होती है
शायद! यही मोहब्बत होती है।
-निशु_सूफी
Poem for your love in 7 Words अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है ,
सांस लेता हूँ
तो ज़ख्मों को हवा लगती
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है ,
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है ।
Sarfaraj idrishi
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