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Best vद्रोही Shayari, Status, Quotes, Stories

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#vद्रोही #शायरी #पिता #माँ 
#vद्रोही #politices #Talk

माँगना हक़ है मेरा तुमसे और मैंने अनुरोध लिखा है। तुम्हारी मनमानियों पर थोड़ा सा विरोध लिखा है।। मेरे क़त्ल की साजिशें करो ये सियासत के रहनुमाओं। विद्रोही ने फिर सच को सच और विरोध लिखा है।। #vद्रोही #politices

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#vद्रोही #nojotohindi #shaamaawadh #yqbaba #angar

तुमने जो किया शौखियन किया मजबूर न थे हालातों से। तुम छोड़ कर खिलौना जो खेलने लगे हो ज़ज्बातों से।। क्यों ये सोच कर छोड़ दें कि तेरा हिसाब करेगा वो ख़ुदा। जी तो चाहता है जाना तुझको ज़हर पिला दें अपने हाथों से।। #nojoto #angar #vद्रोही

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#vद्रोही #inspirationalquotes #writersofinstagram #newwritersclub #writersofindia #quoteoftheday

बदनामी की कैसी संध्या भाग्य हमारा लाया है। प्रेम,समर्पण,आज़ादी का हमने कैसा ये फल पाया है।१। जिस माँ ने पाला उसको अपने तन का लहू पिलाकर। आज उसी माँ को बेटी ने अपना दुश्मन बतलाया है।२। जिस भाई ने तेरी ख़ातिर जगभर से रार ठाना था । आज उसी भाई को देखो, कैसे बहन ने ही उसकी झुठलाया है।३। देखो दौड़ना सीख गई है चलते चलते जाने कब ।

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बदनामी की कैसी संध्या भाग्य हमारा लाया है। प्रेम,समर्पण,आज़ादी का हमने कैसा ये फल पाया है।१। जिस माँ ने पाला उसको अपने तन का लहू पिलाकर। आज उसी माँ को बेटी ने अपना दुश्मन बतलाया है।२। जिस भाई ने तेरी ख़ातिर जगभर से रार ठाना था । आज उसी भाई को देखो, कैसे बहन ने ही उसकी झुठलाया है।३। देखो दौड़ना सीख गई है चलते चलते जाने कब ।

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#vद्रोही #गाँव #पिता #Nojotovoice #relations #माँ  बहने दो लहू जख्मों से मेरे,
मलहम मत लगाओ मेरे घाव को तुम घाव रहने दो।
अपना बनाना फिर लूट लेना,
बहुत देखे हैं ऐसे दाँव ,
मुझपर मत आज़माओ ये दाँव रहने दो।।
मैं झेल लूँगा हँस के 
तुम्हारे हर दाँव, आँव और बाँव,,
बस मेरे सर पर पिता का हाथ और मेरी माँ के आँचल की छाँव रहने दो।।
बस मेरे सर पर पिता का हाथ और मेरी माँ के आँचल की छाँव रहने दो।।
रिश्तों और सम्बन्धो को मत बेचो ,
विद्रोही अपने शहर के चौराहों पर ,
मुबारक़ हो तुमको तुम्हारे शहर की चकाचौंध ,
मेरे गाँव को शहर मत बनाओ बस मेरे गाँव को मेरा गाँव रहने दो ।।
मेरे गाँव को शहर मत बनाओ बस मेरे गाँव को मेरा गाँव रहने दो ।।

बहने दो लहू जख्मों से मेरे, मलहम मत लगाओ मेरे घाव को तुम घाव रहने दो। अपना बनाना फिर लूट लेना, बहुत देखे हैं ऐसे दाँव , मुझपर मत आज़माओ ये दाँव रहने दो।। मैं झेल लूँगा हँस के तुम्हारे हर दाँव, आँव और बाँव,, बस मेरे सर पर पिता का हाथ और मेरी माँ के आँचल की छाँव रहने दो।।

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