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New रेटिना संबंधी रोग Status, Photo, Video

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#BrokenHeartStatus #AnjaliSinghal #Quotes #ehsaas

"यादें हैं थकी हुईं और एहसास पड़ा निढाल है, टूट रहा मुझमें कुछ आज दिल उदास है। साँसों का बिखरना लाज़िमी और दर्द का रुकना मुहाल है, दिल के इ

117 View

#कविता #टीका  टीका बन गया रोग

©kavi Dinesh kumar

#टीका बन गया रोग कविता

99 View

#AnjaliSinghal #loveshayari #ishqshayri #ishq

Ishq 😍🥀🥰 "इश्क़ ही रोग और इश्क़ ही दवा है। दिल को लगी दोनों की हवा है।।" #AnjaliSinghal #love #loveshayari #ishqshayri #ishq #nojo

99 View

#कविता #Buddha_purnima #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
मन के संचित भावो ने ही
आवरण भव भवो के ओड़े है
आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में
अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है
करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन
दसधर्म को प्रगटाओ
एक एक धर्म का सार समझो
बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो
कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन
विकारों को दूर भगाये
सत्य शौच संयम त्याग तपस्या
और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर
जन्म मरण का रोग भगाये
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi

243 View

रोग ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना, जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा, सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। लेकिन फिर अचानक से, इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, कब तक रहेगा सब ऐसा, हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, रह जाए बस खाली पिंजरा, समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। Alfazii 🖊️💙 ©Heer

#रोग  रोग 

ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना,
जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। 

छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, 
चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। 

चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, 
पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। 

शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा,
सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। 

लेकिन फिर अचानक से,  इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, 
दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। 

अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, 
कब तक रहेगा सब ऐसा, 
हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। 

कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, 
रह जाए बस खाली पिंजरा, 
समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। 

Alfazii 🖊️💙

©Heer

#रोग

23 Love

#शायरी #sad_shayari  में देख नही सकता
 कटे फटे अंगों को
में देख नही सकता मरते 
अपने सगी संबंधी को
में देख नहीं सकता
बहु बेटियो की लूटी अस्मत को 
में देख नही सकता बैकसूर लचारो को 
में देख नही सकता भूखे की लाचारी को 
अब हमको कदम कुछ तो उठाना होगा 
बंद हो ये अत्याचार बेकसूरों पर 
नही तो दोस्तो हमको फिर से
 हथियार उठाना होगा!

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#sad_shayari में देख नही सकता कटे फटे अंगों को में देख नही सकता मरते अपने सगी संबंधी को में देख नहीं सकता बहु बेटियो की लूटी अस्मत को में

144 View

#BrokenHeartStatus #AnjaliSinghal #Quotes #ehsaas

"यादें हैं थकी हुईं और एहसास पड़ा निढाल है, टूट रहा मुझमें कुछ आज दिल उदास है। साँसों का बिखरना लाज़िमी और दर्द का रुकना मुहाल है, दिल के इ

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#कविता #टीका  टीका बन गया रोग

©kavi Dinesh kumar

#टीका बन गया रोग कविता

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#AnjaliSinghal #loveshayari #ishqshayri #ishq

Ishq 😍🥀🥰 "इश्क़ ही रोग और इश्क़ ही दवा है। दिल को लगी दोनों की हवा है।।" #AnjaliSinghal #love #loveshayari #ishqshayri #ishq #nojo

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#कविता #Buddha_purnima #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
मन के संचित भावो ने ही
आवरण भव भवो के ओड़े है
आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में
अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है
करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन
दसधर्म को प्रगटाओ
एक एक धर्म का सार समझो
बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो
कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन
विकारों को दूर भगाये
सत्य शौच संयम त्याग तपस्या
और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर
जन्म मरण का रोग भगाये
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi

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रोग ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना, जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा, सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। लेकिन फिर अचानक से, इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, कब तक रहेगा सब ऐसा, हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, रह जाए बस खाली पिंजरा, समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। Alfazii 🖊️💙 ©Heer

#रोग  रोग 

ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना,
जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। 

छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, 
चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। 

चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, 
पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। 

शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा,
सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। 

लेकिन फिर अचानक से,  इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, 
दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। 

अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, 
कब तक रहेगा सब ऐसा, 
हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। 

कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, 
रह जाए बस खाली पिंजरा, 
समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। 

Alfazii 🖊️💙

©Heer

#रोग

23 Love

#शायरी #sad_shayari  में देख नही सकता
 कटे फटे अंगों को
में देख नही सकता मरते 
अपने सगी संबंधी को
में देख नहीं सकता
बहु बेटियो की लूटी अस्मत को 
में देख नही सकता बैकसूर लचारो को 
में देख नही सकता भूखे की लाचारी को 
अब हमको कदम कुछ तो उठाना होगा 
बंद हो ये अत्याचार बेकसूरों पर 
नही तो दोस्तो हमको फिर से
 हथियार उठाना होगा!

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#sad_shayari में देख नही सकता कटे फटे अंगों को में देख नही सकता मरते अपने सगी संबंधी को में देख नहीं सकता बहु बेटियो की लूटी अस्मत को में

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