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tnovate N Cream in hindi – बेटनोवेट एन क्रीम का एलर्जी, दमा, चर्म रोग, इंफ्लेमेटरी डिजीज, खुजली, डर्माटाइटिस, सोरायसिस, कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटि

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #diwali_wishes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून  लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को

10 Love

=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
===============================

शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

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©बेजुबान शायर shivkumar
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tnovate N Cream in hindi – बेटनोवेट एन क्रीम का एलर्जी, दमा, चर्म रोग, इंफ्लेमेटरी डिजीज, खुजली, डर्माटाइटिस, सोरायसिस, कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटि

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #diwali_wishes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून  लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को

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=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

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      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
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शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

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©बेजुबान शायर shivkumar
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