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White किसी ने सच ही कहा है........ की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है । ©seema patidar

 White किसी ने सच ही कहा है........
की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो
उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से 
क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है 
जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है ।

©seema patidar

आजादी ......

12 Love

 पक्षी नभ मे
उड़ रहे, 
सबको दे रहे संदेश। 
ईक नये संसार मे
तुम भी कर जाओ
प्रवेश। 
तोड़ गुलामी जंजीरों को
एक नया ही रूप
धरो। 
'भंवरा' विचरों यंहा-वंहा,
प्रेम भाईचारे का, सारे
जग मे संदेश करो।

©arvind bhanwra ambala. India

गुलामी से आजादी

126 View

#कविता

आजादी है तो देशभक्ति कविता

126 View

#happy_independence_day #आजादी #भक्ति #nationalanthem #भारत #लव  White मैं आजादी की बधाई दू भी 
तो किसे दू,
मुल्क तो मेरा महजब में उलझा है ,

(आज देश की सच्ची कहानी)

©chetan parihar
#बेटीयाँ #विचार #आजादी  Girl quotes in Hindi देश तो आजाद हो गया 
देश की बेटियां आज भी 
गुलाम है
कितने भी कानून बने 
उसका क्या फायदा 
जब बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं 
हर पल डर में जीती हैं कहीं 
उसके साथ गलत ना हो जाए 
क्या करें ऐसे समाज का
जो बेटियों को तो 
संस्कार का ज्ञान देते हैं 
लेकिन बेटों को संस्कार देना भूल जाते हैं

©Muskan (MJ)

पंद्रह अगस्त का दिन कहता है आजादी अभी न पूरी है कुछ ख्वाब जो उसने देखे हैं उसमें हालातों की मजबूरी है संसद जैसी पवित्र जगह पर बस हिंदू - मुस्लिम का ताना है ना शब्दों की कोई गरिमा है न लहजों का अफसाना है लाल किला भी सोच रहा आखिर आजादी किस ओर चली संसद जो की नई बनी वो भी क्या मुंह मोड़ चली देश में बेरोजगारों का न कोई ठौर ठिकाना है सरकारों में बस बहस चल रही यूंही बस तारीखों का आना - जाना है ©Anushka Tripathi

#आजादी #Independence #Freedom  पंद्रह अगस्त का दिन कहता है
आजादी अभी न पूरी है
कुछ ख्वाब जो उसने देखे हैं
उसमें हालातों की मजबूरी है
संसद जैसी पवित्र जगह पर
बस हिंदू - मुस्लिम का ताना है
ना शब्दों की कोई गरिमा है
न लहजों का अफसाना है
लाल किला भी सोच रहा
आखिर आजादी किस ओर चली
संसद जो की नई बनी
वो भी क्या मुंह मोड़ चली
देश में बेरोजगारों का
न कोई ठौर ठिकाना है
 सरकारों में बस बहस चल रही 
यूंही बस तारीखों का आना - जाना है

©Anushka Tripathi

#Independence #आजादी #Freedom poetry in hindi

15 Love

White किसी ने सच ही कहा है........ की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है । ©seema patidar

 White किसी ने सच ही कहा है........
की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो
उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से 
क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है 
जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है ।

©seema patidar

आजादी ......

12 Love

 पक्षी नभ मे
उड़ रहे, 
सबको दे रहे संदेश। 
ईक नये संसार मे
तुम भी कर जाओ
प्रवेश। 
तोड़ गुलामी जंजीरों को
एक नया ही रूप
धरो। 
'भंवरा' विचरों यंहा-वंहा,
प्रेम भाईचारे का, सारे
जग मे संदेश करो।

©arvind bhanwra ambala. India

गुलामी से आजादी

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#कविता

आजादी है तो देशभक्ति कविता

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#happy_independence_day #आजादी #भक्ति #nationalanthem #भारत #लव  White मैं आजादी की बधाई दू भी 
तो किसे दू,
मुल्क तो मेरा महजब में उलझा है ,

(आज देश की सच्ची कहानी)

©chetan parihar
#बेटीयाँ #विचार #आजादी  Girl quotes in Hindi देश तो आजाद हो गया 
देश की बेटियां आज भी 
गुलाम है
कितने भी कानून बने 
उसका क्या फायदा 
जब बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं 
हर पल डर में जीती हैं कहीं 
उसके साथ गलत ना हो जाए 
क्या करें ऐसे समाज का
जो बेटियों को तो 
संस्कार का ज्ञान देते हैं 
लेकिन बेटों को संस्कार देना भूल जाते हैं

©Muskan (MJ)

पंद्रह अगस्त का दिन कहता है आजादी अभी न पूरी है कुछ ख्वाब जो उसने देखे हैं उसमें हालातों की मजबूरी है संसद जैसी पवित्र जगह पर बस हिंदू - मुस्लिम का ताना है ना शब्दों की कोई गरिमा है न लहजों का अफसाना है लाल किला भी सोच रहा आखिर आजादी किस ओर चली संसद जो की नई बनी वो भी क्या मुंह मोड़ चली देश में बेरोजगारों का न कोई ठौर ठिकाना है सरकारों में बस बहस चल रही यूंही बस तारीखों का आना - जाना है ©Anushka Tripathi

#आजादी #Independence #Freedom  पंद्रह अगस्त का दिन कहता है
आजादी अभी न पूरी है
कुछ ख्वाब जो उसने देखे हैं
उसमें हालातों की मजबूरी है
संसद जैसी पवित्र जगह पर
बस हिंदू - मुस्लिम का ताना है
ना शब्दों की कोई गरिमा है
न लहजों का अफसाना है
लाल किला भी सोच रहा
आखिर आजादी किस ओर चली
संसद जो की नई बनी
वो भी क्या मुंह मोड़ चली
देश में बेरोजगारों का
न कोई ठौर ठिकाना है
 सरकारों में बस बहस चल रही 
यूंही बस तारीखों का आना - जाना है

©Anushka Tripathi

#Independence #आजादी #Freedom poetry in hindi

15 Love

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