a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हे प्रिये!
है आज तुम्हारा जन्मदिवस कहो तुम्हे क्या उपहार दूं
हालांकि देने को है कुछ खास नहीं जो है प्यार वो सारा वार दूं
ना आता मुझको कसीदे पढ़ना, ना गढ़ पाता पुल तारीफों के
निश्छल सा है प्रेम यहां एक यही पूल तारीफों के
भोला तो नहीं पर पागल हूं, तेरे ही प्यार का कायल हूं
नैनों में सजाए रखे तू वो इतराता काजल हूं
तू पहन पहन उड़ती फिरती वो छन छन करता पायल हूं
है अमर प्रेम की गाथा जिसकी, वैसा तो खुद को कहूं नहीं
पर चाहूं देखना खुश तुझको, तेरे सब दुःख मैं सहूं यही
बस एक पसंद की साड़ी है, पर है हीरो का हार नहीं
जो भी है वारु तुझपे मैं, है अनंत मेरा प्यार यही
तू खुश रहे, ग़म की काली घटा छाए ना कभी
हर पल हर सांस पर साथ हो तुम बस दुआ है दूर जाए न कभी
हां यही उपहार तुम्हे मै दूं स्वीकार करो है प्राण प्रिये
हो अंतिम सांस तक साथ तेरा बस मेरी यही है चाह प्रिये
💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞
©azad satyam
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