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New बलरामपुर किसान सूचना केंद्र Status, Photo, Video

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#Videos

किसान लाइफ

117 View

#Videos

किसान

81 View

White देकर अन्न समाज को, भूखा रहे किसान। विडम्बना ये देश की, देख सभी हैरान।। पेट भरे जिस अन्न से, जग के सब इंसान। देकर सबको दान फिर, रहता दुखी किसान।। उपजाकर जो अन्न को, भरे बैंक का कर्ज।सबका भरना पेट ही, समझे अपना फर्ज।। सूखे का या बाढ़ का , नहिं कोई उपचार। दोनो ही से त्रस्त है, रहे कृषक लाचार।। -निलम ©Nilam Agarwalla

#कविता #किसान  White 
देकर अन्न समाज को, भूखा रहे किसान।
 विडम्बना ये देश की, देख सभी हैरान।। 

पेट भरे जिस अन्न से, जग के सब इंसान।
देकर सबको दान फिर, रहता दुखी  किसान।।

उपजाकर जो अन्न को, भरे बैंक का कर्ज।सबका भरना पेट ही, समझे अपना फर्ज।। 

सूखे का या बाढ़ का , नहिं कोई उपचार।
दोनो ही से त्रस्त है, रहे कृषक लाचार।। 

 -निलम

©Nilam Agarwalla
#विचार  White खेत खलिहान आस लगाए रहते हैं बस! बादलों के झुरमुट की इसलिए तो किसान सूखी पलकों को लेकर बारिश के लिए पलक पांवड़े बिछाए रहते हैं ताकि मेहनत रंग लाए।

©Satish Kumar Meena

किसान

144 View

#मोटिवेशनल

महम संवाद केंद्र ऊ

108 View

किसान कोई तो बचाए इनको समझे कोई दर्द इनका भी, इनके हक के लिए भी तो कोई उठाए आवाज अपनी। लड़ते लड़ते हार भी जाते और फिर त्याग देते ये जीवन, फिर भी किसी के आगे फैलाते न हाथ अपने। सबका पेट ये है भरते खुद मगर भूखे ही सोते, फिर भी मुख से आह न भरते। ©Heer

#किसान #farmersprotest  किसान 

कोई तो बचाए इनको समझे कोई दर्द इनका भी,
इनके हक के लिए भी तो कोई उठाए आवाज अपनी। 

लड़ते लड़ते हार भी जाते और फिर त्याग देते ये जीवन,
फिर भी किसी के आगे फैलाते न हाथ अपने। 

सबका पेट ये है भरते खुद मगर भूखे ही सोते,
फिर भी मुख से आह न भरते।

©Heer
#Videos

किसान लाइफ

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किसान

81 View

White देकर अन्न समाज को, भूखा रहे किसान। विडम्बना ये देश की, देख सभी हैरान।। पेट भरे जिस अन्न से, जग के सब इंसान। देकर सबको दान फिर, रहता दुखी किसान।। उपजाकर जो अन्न को, भरे बैंक का कर्ज।सबका भरना पेट ही, समझे अपना फर्ज।। सूखे का या बाढ़ का , नहिं कोई उपचार। दोनो ही से त्रस्त है, रहे कृषक लाचार।। -निलम ©Nilam Agarwalla

#कविता #किसान  White 
देकर अन्न समाज को, भूखा रहे किसान।
 विडम्बना ये देश की, देख सभी हैरान।। 

पेट भरे जिस अन्न से, जग के सब इंसान।
देकर सबको दान फिर, रहता दुखी  किसान।।

उपजाकर जो अन्न को, भरे बैंक का कर्ज।सबका भरना पेट ही, समझे अपना फर्ज।। 

सूखे का या बाढ़ का , नहिं कोई उपचार।
दोनो ही से त्रस्त है, रहे कृषक लाचार।। 

 -निलम

©Nilam Agarwalla
#विचार  White खेत खलिहान आस लगाए रहते हैं बस! बादलों के झुरमुट की इसलिए तो किसान सूखी पलकों को लेकर बारिश के लिए पलक पांवड़े बिछाए रहते हैं ताकि मेहनत रंग लाए।

©Satish Kumar Meena

किसान

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#मोटिवेशनल

महम संवाद केंद्र ऊ

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किसान कोई तो बचाए इनको समझे कोई दर्द इनका भी, इनके हक के लिए भी तो कोई उठाए आवाज अपनी। लड़ते लड़ते हार भी जाते और फिर त्याग देते ये जीवन, फिर भी किसी के आगे फैलाते न हाथ अपने। सबका पेट ये है भरते खुद मगर भूखे ही सोते, फिर भी मुख से आह न भरते। ©Heer

#किसान #farmersprotest  किसान 

कोई तो बचाए इनको समझे कोई दर्द इनका भी,
इनके हक के लिए भी तो कोई उठाए आवाज अपनी। 

लड़ते लड़ते हार भी जाते और फिर त्याग देते ये जीवन,
फिर भी किसी के आगे फैलाते न हाथ अपने। 

सबका पेट ये है भरते खुद मगर भूखे ही सोते,
फिर भी मुख से आह न भरते।

©Heer
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