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New मुल्तानी मिट्टी फेस पैक Status, Photo, Video

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"मिट्टी के कुल्हड़ समान वर्तमान धर्मनिरपेक्षता" वर्तमान भारत में धर्मनिरपेक्षता उस प्राकृतिक मिट्टी के कुल्हड़ के समान है, जो पर्यावरण, कला, रोज़गार हेतु बहुउपयोगी, सेहतमंद एवं लाभप्रद तो है। परंतु वर्तमान सत्ता की राजनीति विध्वंसक, विनाशक, विद्वेषक एवं समाज के लिए विषैले प्लास्टिक, कांच नुमा, कृत्रिम एवं हानिप्रद तो है, साथ ही बाज़ार में पैठ इतनी है कि, बेचारे कुल्हड़ को सिमीत मात्रा में, यदा-कदा किसी कार्यक्रम के सजावट या जलपान के काम तो आता है, परंतु कार्यक्रम के समापन पश्चात उसे किसी कुडे़दान में फेंक दिया जाता है, अपितु कुड़े में रहकर भी, प्रकृत को बिना कुछ हानि के वह उपजाऊ खाद तो अवश्य बन जाती है, परंतु अंततः उसे लड़ना तो बनावटी थर्माकॉल एवं प्लास्टिक नुमा कृत्रिम राजनीति से ही है। ©अदनासा-

#धर्मनिरपेक्षता #प्राकृतिक #मिट्टी #कुल्हड़ #अदनासा #हिंदी  "मिट्टी के कुल्हड़ समान वर्तमान धर्मनिरपेक्षता"


वर्तमान भारत में धर्मनिरपेक्षता उस प्राकृतिक मिट्टी के कुल्हड़ के समान है, जो पर्यावरण, कला, रोज़गार हेतु बहुउपयोगी, सेहतमंद एवं लाभप्रद तो है।

परंतु वर्तमान सत्ता की राजनीति विध्वंसक, विनाशक, विद्वेषक एवं समाज के लिए विषैले प्लास्टिक, कांच नुमा, कृत्रिम एवं हानिप्रद तो है, साथ ही बाज़ार में पैठ इतनी है कि, बेचारे कुल्हड़ को सिमीत मात्रा में, यदा-कदा किसी कार्यक्रम के सजावट या जलपान के काम तो आता है, परंतु कार्यक्रम के समापन पश्चात उसे किसी कुडे़दान में फेंक दिया जाता है, अपितु कुड़े में रहकर भी, प्रकृत को बिना कुछ हानि के वह उपजाऊ खाद तो अवश्य बन जाती है, परंतु अंततः उसे लड़ना तो बनावटी थर्माकॉल एवं प्लास्टिक नुमा कृत्रिम राजनीति से ही है।

©अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3SIykjYNR #हिंदी #धर्मनिरपेक्षता #मिट्टी #कुल्हड़ #प्राकृतिक #कृतिम #Pinterest #Instagr

29 Love

Village Life अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी, यहाँ अब किसका इंतज़ार है। रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती, कहीं धूप है, तो कहीं छांव है। चल पड़ा हूँ वापस पगडंडी पर, बस्ती से दूर, एक छोटा सा गांव है। जहाँ सुकून की मिट्टी से गंध उठती है, और सपनों का आकाश साफ़ है। ढूंढ रहा है हर कोई शहर में बसेरा, पर वहाँ भी ज़िंदगी कहाँ आज़ाद है। शोर में खो जाती है पहचान अपनी, बस भीड़ में रह जाता एक फरियाद है। लौट आओ अपनों के बीच, अभी वक्त है, ज़िंदगी छोटी है, किसे सरोकार है। रिश्तों की गरमाहट को महसूस कर लो, फिर न कह सकेगा दिल, ये जो अंगार है। शहर के शोर में सब कुछ खो जाता है, पर दिल सुकून तो अपनों में ही पाता है। थोड़ा ठहरो, जरा संभालो इन पलकों को, क्योंकि यादें ही अंत में हमारा संसार हैंl ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #villagelife  Village Life अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी,
यहाँ अब किसका इंतज़ार है।
रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती,
कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।

चल पड़ा हूँ वापस पगडंडी पर,
बस्ती से दूर, एक छोटा सा गांव है।
जहाँ सुकून की मिट्टी से गंध उठती है,
और सपनों का आकाश साफ़ है।

ढूंढ रहा है हर कोई शहर में बसेरा,
पर वहाँ भी ज़िंदगी कहाँ आज़ाद है।
शोर में खो जाती है पहचान अपनी,
बस भीड़ में रह जाता एक फरियाद है।

लौट आओ अपनों के बीच, अभी वक्त है,
ज़िंदगी छोटी है, किसे सरोकार है।
रिश्तों की गरमाहट को महसूस कर लो,
फिर न कह सकेगा दिल, ये जो अंगार है।

शहर के शोर में सब कुछ खो जाता है,
पर दिल सुकून तो अपनों में ही पाता है।
थोड़ा ठहरो, जरा संभालो इन पलकों को,
क्योंकि यादें ही अंत में हमारा संसार हैंl

©theABHAYSINGH_BIPIN

#villagelife अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी, यहाँ अब किसका इंतज़ार है। रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती, कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।

13 Love

हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं,
पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं।

जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है,
वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी

16 Love

#badalsinghkalamgar #कविता #Hindi

मिट्टी की ये धरती सारी... #badalsinghkalamgar #Poetry #Love #Hindi @Arshad Siddiqui @Rudra magdhey Abhijeet Praveen Jain "पल्लव" vimlesh G

153 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} ताश का जोकर और अपनों की, ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं !! गुरुर किस बात का साहब आज मिट्टी के उपर तो कल मिट्टी के निचे !! ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #sad_quotes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
ताश का जोकर और अपनों की,
ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं !! 

गुरुर किस बात का साहब 
आज मिट्टी के उपर 
तो कल मिट्टी के निचे !!

©N S Yadav GoldMine

#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} ताश का जोकर और अपनों की, ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं !! गुरुर किस बात का साहब आज मिट्टी के उपर तो

11 Love

दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा, आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा। मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा, हर सफर की मंज़िल यही ठिकाना होगा।। वक़्त वक्त की बात है, जो बुलंद था, वो भी गिराना होगा। फलक के नीचे सबका मुक़द्दर एक सा, हर शख़्स को आख़िर मिट जाना होगा। जिनके कदमों से ज़माना कांपता था कभी, उनका निशां भी धूल में मिल जाना होगा। हर खुशी, हर ग़म, बस लम्हों की बात है, इस खेल में हर किरदार बदल जाना होगा। ©नवनीत ठाकुर

#दरवाज़ों #शायरी  दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा,
आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा।
मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा,
हर सफर की मंज़िल यही ठिकाना होगा।।

वक़्त वक्त की बात है,
जो बुलंद था, वो भी गिराना होगा।
फलक के नीचे सबका मुक़द्दर एक सा,
हर शख़्स को आख़िर मिट जाना होगा।

जिनके कदमों से ज़माना कांपता था कभी,
उनका निशां भी धूल में मिल जाना होगा।
हर खुशी, हर ग़म, बस लम्हों की बात है,
इस खेल में हर किरदार बदल जाना होगा।

©नवनीत ठाकुर

#दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा, आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा। मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा, हर सफर की मंज़िल यही ठिकान

17 Love

"मिट्टी के कुल्हड़ समान वर्तमान धर्मनिरपेक्षता" वर्तमान भारत में धर्मनिरपेक्षता उस प्राकृतिक मिट्टी के कुल्हड़ के समान है, जो पर्यावरण, कला, रोज़गार हेतु बहुउपयोगी, सेहतमंद एवं लाभप्रद तो है। परंतु वर्तमान सत्ता की राजनीति विध्वंसक, विनाशक, विद्वेषक एवं समाज के लिए विषैले प्लास्टिक, कांच नुमा, कृत्रिम एवं हानिप्रद तो है, साथ ही बाज़ार में पैठ इतनी है कि, बेचारे कुल्हड़ को सिमीत मात्रा में, यदा-कदा किसी कार्यक्रम के सजावट या जलपान के काम तो आता है, परंतु कार्यक्रम के समापन पश्चात उसे किसी कुडे़दान में फेंक दिया जाता है, अपितु कुड़े में रहकर भी, प्रकृत को बिना कुछ हानि के वह उपजाऊ खाद तो अवश्य बन जाती है, परंतु अंततः उसे लड़ना तो बनावटी थर्माकॉल एवं प्लास्टिक नुमा कृत्रिम राजनीति से ही है। ©अदनासा-

#धर्मनिरपेक्षता #प्राकृतिक #मिट्टी #कुल्हड़ #अदनासा #हिंदी  "मिट्टी के कुल्हड़ समान वर्तमान धर्मनिरपेक्षता"


वर्तमान भारत में धर्मनिरपेक्षता उस प्राकृतिक मिट्टी के कुल्हड़ के समान है, जो पर्यावरण, कला, रोज़गार हेतु बहुउपयोगी, सेहतमंद एवं लाभप्रद तो है।

परंतु वर्तमान सत्ता की राजनीति विध्वंसक, विनाशक, विद्वेषक एवं समाज के लिए विषैले प्लास्टिक, कांच नुमा, कृत्रिम एवं हानिप्रद तो है, साथ ही बाज़ार में पैठ इतनी है कि, बेचारे कुल्हड़ को सिमीत मात्रा में, यदा-कदा किसी कार्यक्रम के सजावट या जलपान के काम तो आता है, परंतु कार्यक्रम के समापन पश्चात उसे किसी कुडे़दान में फेंक दिया जाता है, अपितु कुड़े में रहकर भी, प्रकृत को बिना कुछ हानि के वह उपजाऊ खाद तो अवश्य बन जाती है, परंतु अंततः उसे लड़ना तो बनावटी थर्माकॉल एवं प्लास्टिक नुमा कृत्रिम राजनीति से ही है।

©अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3SIykjYNR #हिंदी #धर्मनिरपेक्षता #मिट्टी #कुल्हड़ #प्राकृतिक #कृतिम #Pinterest #Instagr

29 Love

Village Life अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी, यहाँ अब किसका इंतज़ार है। रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती, कहीं धूप है, तो कहीं छांव है। चल पड़ा हूँ वापस पगडंडी पर, बस्ती से दूर, एक छोटा सा गांव है। जहाँ सुकून की मिट्टी से गंध उठती है, और सपनों का आकाश साफ़ है। ढूंढ रहा है हर कोई शहर में बसेरा, पर वहाँ भी ज़िंदगी कहाँ आज़ाद है। शोर में खो जाती है पहचान अपनी, बस भीड़ में रह जाता एक फरियाद है। लौट आओ अपनों के बीच, अभी वक्त है, ज़िंदगी छोटी है, किसे सरोकार है। रिश्तों की गरमाहट को महसूस कर लो, फिर न कह सकेगा दिल, ये जो अंगार है। शहर के शोर में सब कुछ खो जाता है, पर दिल सुकून तो अपनों में ही पाता है। थोड़ा ठहरो, जरा संभालो इन पलकों को, क्योंकि यादें ही अंत में हमारा संसार हैंl ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #villagelife  Village Life अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी,
यहाँ अब किसका इंतज़ार है।
रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती,
कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।

चल पड़ा हूँ वापस पगडंडी पर,
बस्ती से दूर, एक छोटा सा गांव है।
जहाँ सुकून की मिट्टी से गंध उठती है,
और सपनों का आकाश साफ़ है।

ढूंढ रहा है हर कोई शहर में बसेरा,
पर वहाँ भी ज़िंदगी कहाँ आज़ाद है।
शोर में खो जाती है पहचान अपनी,
बस भीड़ में रह जाता एक फरियाद है।

लौट आओ अपनों के बीच, अभी वक्त है,
ज़िंदगी छोटी है, किसे सरोकार है।
रिश्तों की गरमाहट को महसूस कर लो,
फिर न कह सकेगा दिल, ये जो अंगार है।

शहर के शोर में सब कुछ खो जाता है,
पर दिल सुकून तो अपनों में ही पाता है।
थोड़ा ठहरो, जरा संभालो इन पलकों को,
क्योंकि यादें ही अंत में हमारा संसार हैंl

©theABHAYSINGH_BIPIN

#villagelife अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी, यहाँ अब किसका इंतज़ार है। रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती, कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।

13 Love

हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं,
पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं।

जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है,
वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी

16 Love

#badalsinghkalamgar #कविता #Hindi

मिट्टी की ये धरती सारी... #badalsinghkalamgar #Poetry #Love #Hindi @Arshad Siddiqui @Rudra magdhey Abhijeet Praveen Jain "पल्लव" vimlesh G

153 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} ताश का जोकर और अपनों की, ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं !! गुरुर किस बात का साहब आज मिट्टी के उपर तो कल मिट्टी के निचे !! ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #sad_quotes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
ताश का जोकर और अपनों की,
ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं !! 

गुरुर किस बात का साहब 
आज मिट्टी के उपर 
तो कल मिट्टी के निचे !!

©N S Yadav GoldMine

#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} ताश का जोकर और अपनों की, ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं !! गुरुर किस बात का साहब आज मिट्टी के उपर तो

11 Love

दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा, आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा। मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा, हर सफर की मंज़िल यही ठिकाना होगा।। वक़्त वक्त की बात है, जो बुलंद था, वो भी गिराना होगा। फलक के नीचे सबका मुक़द्दर एक सा, हर शख़्स को आख़िर मिट जाना होगा। जिनके कदमों से ज़माना कांपता था कभी, उनका निशां भी धूल में मिल जाना होगा। हर खुशी, हर ग़म, बस लम्हों की बात है, इस खेल में हर किरदार बदल जाना होगा। ©नवनीत ठाकुर

#दरवाज़ों #शायरी  दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा,
आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा।
मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा,
हर सफर की मंज़िल यही ठिकाना होगा।।

वक़्त वक्त की बात है,
जो बुलंद था, वो भी गिराना होगा।
फलक के नीचे सबका मुक़द्दर एक सा,
हर शख़्स को आख़िर मिट जाना होगा।

जिनके कदमों से ज़माना कांपता था कभी,
उनका निशां भी धूल में मिल जाना होगा।
हर खुशी, हर ग़म, बस लम्हों की बात है,
इस खेल में हर किरदार बदल जाना होगा।

©नवनीत ठाकुर

#दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा, आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा। मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा, हर सफर की मंज़िल यही ठिकान

17 Love

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