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White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर.. एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये.. क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं ©Zindgi Ka Safar # priya

#कविता #good_night  White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर..
एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये..
क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं

©Zindgi Ka Safar # priya

#good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता

12 Love

अपना वो हैं, जो किसी और के लिए तुम्हें नज़रअंदाज़ ना करे। ©Alfaz-E-Dheeraj

#कविता #BehtiHawaa  अपना वो हैं, जो किसी और के लिए तुम्हें नज़रअंदाज़ ना करे।

©Alfaz-E-Dheeraj

#BehtiHawaa हिंदी दिवस पर कविता Aaj Ka Panchang प्रेम कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता

19 Love

#कविता

आ. आभा गुप्ता , इंदौर, मध्यप्रदेश हिंदी दिवस पर कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता

189 View

जो लोग कहते हैं औरत का कोई घर नहीं होता सच तो ये है बिना औरत का कोई घर ही नहीं होता हैं औरत के क़दम है जो आँगन में आते ही, हर कोने को अपनी महक से सजाती है। हंसती है, रोती है, ख़ुशियाँ बाँटती, हर ग़म को अपनी मुस्कान में छुपाती है। माँ, बेटी, बहन, पत्नी बनकर, हर रिश्ता निभाती है औरत हर दिल में जगह बनाकर, घर को स्वर्ग बनाती है औरत उँगलियों से सींचती है खुशियों की उमंग छोटे-छोटे लम्हों में भरती हैं रंग बिरंगे पल परछाइयों में उसकी छवि रहती हैं वो तो हर साँस में बसती है, खिलती है। तो कहने वालों, सुन लो ये बात, औरत का अस्तित्व ही घर की सौगात। सच तो यही है, इससे ही महकता घर आंगन बिना औरत के सुना है बच्चों का आँचल। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #Tuaurmain  जो लोग कहते हैं 
औरत का कोई घर नहीं होता सच तो ये है 
बिना औरत का कोई घर ही नहीं होता हैं 

औरत के क़दम है जो आँगन में आते ही,
हर कोने को अपनी महक से सजाती है।

हंसती है, रोती है, ख़ुशियाँ बाँटती,
हर ग़म को अपनी मुस्कान में छुपाती है।

माँ, बेटी, बहन, पत्नी बनकर,
हर रिश्ता निभाती है औरत 

हर दिल में जगह बनाकर,
घर को स्वर्ग बनाती है औरत 

उँगलियों से सींचती है खुशियों की उमंग
छोटे-छोटे लम्हों में भरती हैं रंग बिरंगे पल

परछाइयों में उसकी छवि रहती हैं 
वो तो हर साँस में बसती है, खिलती है।

तो कहने वालों, सुन लो ये बात,
औरत का अस्तित्व ही घर की सौगात।

सच तो यही है, इससे ही महकता घर आंगन 
बिना औरत के सुना है बच्चों का आँचल।

©Writer Mamta Ambedkar

#Tuaurmain प्यार पर कविता कविताएं हिंदी दिवस पर कविता कविताएं प्रेम कविता

9 Love

White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर, वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती। ©Alfaz-E-Dheeraj

#कविता #love_shayari  White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर,
वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती।

©Alfaz-E-Dheeraj

#love_shayari कविता कोश कविता मराठी कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी दिवस पर कविता

14 Love

#कविता

मराठी कविता कविताएं कविता कोश हिंदी दिवस पर कविता प्रेम कविता

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White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर.. एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये.. क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं ©Zindgi Ka Safar # priya

#कविता #good_night  White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर..
एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये..
क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं

©Zindgi Ka Safar # priya

#good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता

12 Love

अपना वो हैं, जो किसी और के लिए तुम्हें नज़रअंदाज़ ना करे। ©Alfaz-E-Dheeraj

#कविता #BehtiHawaa  अपना वो हैं, जो किसी और के लिए तुम्हें नज़रअंदाज़ ना करे।

©Alfaz-E-Dheeraj

#BehtiHawaa हिंदी दिवस पर कविता Aaj Ka Panchang प्रेम कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता

19 Love

#कविता

आ. आभा गुप्ता , इंदौर, मध्यप्रदेश हिंदी दिवस पर कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता

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जो लोग कहते हैं औरत का कोई घर नहीं होता सच तो ये है बिना औरत का कोई घर ही नहीं होता हैं औरत के क़दम है जो आँगन में आते ही, हर कोने को अपनी महक से सजाती है। हंसती है, रोती है, ख़ुशियाँ बाँटती, हर ग़म को अपनी मुस्कान में छुपाती है। माँ, बेटी, बहन, पत्नी बनकर, हर रिश्ता निभाती है औरत हर दिल में जगह बनाकर, घर को स्वर्ग बनाती है औरत उँगलियों से सींचती है खुशियों की उमंग छोटे-छोटे लम्हों में भरती हैं रंग बिरंगे पल परछाइयों में उसकी छवि रहती हैं वो तो हर साँस में बसती है, खिलती है। तो कहने वालों, सुन लो ये बात, औरत का अस्तित्व ही घर की सौगात। सच तो यही है, इससे ही महकता घर आंगन बिना औरत के सुना है बच्चों का आँचल। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #Tuaurmain  जो लोग कहते हैं 
औरत का कोई घर नहीं होता सच तो ये है 
बिना औरत का कोई घर ही नहीं होता हैं 

औरत के क़दम है जो आँगन में आते ही,
हर कोने को अपनी महक से सजाती है।

हंसती है, रोती है, ख़ुशियाँ बाँटती,
हर ग़म को अपनी मुस्कान में छुपाती है।

माँ, बेटी, बहन, पत्नी बनकर,
हर रिश्ता निभाती है औरत 

हर दिल में जगह बनाकर,
घर को स्वर्ग बनाती है औरत 

उँगलियों से सींचती है खुशियों की उमंग
छोटे-छोटे लम्हों में भरती हैं रंग बिरंगे पल

परछाइयों में उसकी छवि रहती हैं 
वो तो हर साँस में बसती है, खिलती है।

तो कहने वालों, सुन लो ये बात,
औरत का अस्तित्व ही घर की सौगात।

सच तो यही है, इससे ही महकता घर आंगन 
बिना औरत के सुना है बच्चों का आँचल।

©Writer Mamta Ambedkar

#Tuaurmain प्यार पर कविता कविताएं हिंदी दिवस पर कविता कविताएं प्रेम कविता

9 Love

White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर, वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती। ©Alfaz-E-Dheeraj

#कविता #love_shayari  White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर,
वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती।

©Alfaz-E-Dheeraj

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14 Love

#कविता

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