White **समंदर और तन्हाई**
समंदर की लहरों में उलझे मेरे जज़्बात,
जैसे दिल में हो दर्द, पर कोई नहीं साथ।
हर लहर आती है, छू कर चली जाती है,
ठीक वैसे ही जैसे तेरी यादों में डूब जाता हूँ।
किनारे पे बैठा, अकेला सा मैं,
तेरी तलाश में जैसे खो गया हूँ कहीं।
समंदर की गहराई, मेरे दिल सी लगती है,
जो ऊपर से शांत, अंदर से बेचैन रहती है।
तू दूर है, पर तेरी आवाज़ लहरों में सुनाई देती है,
तेरी यादें, हर बूँद में बसी मिलती हैं।
चांदनी रात में समंदर भी उदास लगता है,
शायद उसे भी मेरी तरह तेरा इंतज़ार रहता है।
इस तन्हा समंदर में दिल बहलाता हूँ,
तेरी यादों के संग आंसू छुपाता हूँ।
बस एक तू नहीं, बाकि सब कुछ है यहाँ,
फिर भी इस समंदर में खोया-खोया सा हूँ।
©AARPANN JAIIN
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