tags

New मनुस्मृति दंड विधान Status, Photo, Video

Find the latest Status about मनुस्मृति दंड विधान from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about मनुस्मृति दंड विधान.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#भक्ति #nojotohindi #leafbook #Bhakti  Unsplash "सत्यं तु सर्वदा ब्रूयात् नानृतं धर्मसंहितम्।
यः सत्यं त्यजते मोहात् स नरकं व्रजत्यधः॥"

©Jitendra Giri Hindu

अर्थात्: व्यक्ति को सदा सत्य बोलना चाहिए और धर्म की मर्यादा में रहना चाहिए। जो मोह या लोभवश सत्य को छोड़ देता है और झूठ बोलता है, वह पाप करक

81 View

Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी को रुलाकर, कोई भी ज्यादा दिन हंस नही पाया है, विधि का अटल विधान है, जो कोई समझ नही पाया है। सब कुछ का प्रकति हिसाब रखती हैं, और समय उसका गिन-2 कर हिसाब लेता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #library  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
किसी को रुलाकर, कोई भी
ज्यादा दिन हंस नही पाया है,
विधि का अटल विधान है, जो
कोई समझ नही पाया है।
सब कुछ का प्रकति हिसाब
रखती हैं, और समय उसका
गिन-2 कर हिसाब लेता है।
जय श्री राधेकृष्ण जी।।
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine

#library {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी को रुलाकर, कोई भी ज्यादा दिन हंस नही पाया है, विधि का अटल विधान है, जो कोई समझ नही पाया है। सब कुछ का

14 Love

मण्डूक दोहे पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़। जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१ माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार। देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२ रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार। पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३ कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात। वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४ मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर। भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५ इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ ©Bharat Bhushan pathak

#नोजोटो_हिन्दी #मण्डूक_दोहे #वृक्ष #पेड़ #छंद  मण्डूक दोहे
पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़।
जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१

माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार।
देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२

रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार।
पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३


कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात।
वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४

 मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर।
 भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५

इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार।
शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६

©Bharat Bhushan pathak

#मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे

10 Love

#भक्ति #nojotohindi #leafbook #Bhakti  Unsplash "सत्यं तु सर्वदा ब्रूयात् नानृतं धर्मसंहितम्।
यः सत्यं त्यजते मोहात् स नरकं व्रजत्यधः॥"

©Jitendra Giri Hindu

अर्थात्: व्यक्ति को सदा सत्य बोलना चाहिए और धर्म की मर्यादा में रहना चाहिए। जो मोह या लोभवश सत्य को छोड़ देता है और झूठ बोलता है, वह पाप करक

81 View

Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी को रुलाकर, कोई भी ज्यादा दिन हंस नही पाया है, विधि का अटल विधान है, जो कोई समझ नही पाया है। सब कुछ का प्रकति हिसाब रखती हैं, और समय उसका गिन-2 कर हिसाब लेता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #library  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
किसी को रुलाकर, कोई भी
ज्यादा दिन हंस नही पाया है,
विधि का अटल विधान है, जो
कोई समझ नही पाया है।
सब कुछ का प्रकति हिसाब
रखती हैं, और समय उसका
गिन-2 कर हिसाब लेता है।
जय श्री राधेकृष्ण जी।।
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine

#library {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी को रुलाकर, कोई भी ज्यादा दिन हंस नही पाया है, विधि का अटल विधान है, जो कोई समझ नही पाया है। सब कुछ का

14 Love

मण्डूक दोहे पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़। जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१ माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार। देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२ रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार। पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३ कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात। वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४ मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर। भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५ इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ ©Bharat Bhushan pathak

#नोजोटो_हिन्दी #मण्डूक_दोहे #वृक्ष #पेड़ #छंद  मण्डूक दोहे
पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़।
जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१

माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार।
देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२

रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार।
पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३


कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात।
वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४

 मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर।
 भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५

इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार।
शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६

©Bharat Bhushan pathak

#मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे

10 Love

Trending Topic