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New lokmat newspaper marathi language Status, Photo, Video

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White दैनिक भास्कर समाचार पत्र का इतिहास दैनिक भास्कर की स्थापना 1956 में हुई थी , और यह अखबार हिंदी भा षा में प्रकाशित हो ता है। इसका मुख्या लय भोपाल, मध्य प्रदेश में है।है दैनिक भास्कर ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागृति लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1956 में आजाद भारत की जरूरतों को समझते हुए द्वारका प्रसाद अग्रवाल ने भोपाल से 'सुबह सवेरे' और ग्वालियर से 'गुड मॉर्निंग इंडिया ' का प्रकाशन शुरू किया । 1957 में इन दोनों अखबारों का नाम बदलकर 'भास्कर समाचार' कर दिया गया । फिर 1958 में दुबारा इस अखबार का नाम बदलकर 'दैनिक भास्कर' कर दिया गया । दैनिक भास्कर का इतिहास भारतीय पत्रकारिता के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अखबार आज भी अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागृति लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ा वा देने में महत्वपूर्ण योगदा न दे रहा है। ©VIMALESH YADAV

#मोटिवेशनल #vimaleshyadav #love_shayari #Newspaper  White 
दैनिक भास्कर समाचार पत्र का इतिहास 


दैनिक भास्कर की स्थापना 1956 में हुई थी , और
यह अखबार हिंदी भा षा में प्रकाशित हो ता है। इसका
मुख्या लय भोपाल, मध्य प्रदेश में है।है दैनिक भास्कर
ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागृति
लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण
योगदान दिया है। 1956 में आजाद भारत की
जरूरतों को समझते हुए द्वारका प्रसाद अग्रवाल ने
भोपाल से 'सुबह सवेरे' और ग्वालियर से 'गुड मॉर्निंग
इंडिया ' का प्रकाशन शुरू किया । 1957 में इन दोनों
अखबारों का नाम बदलकर 'भास्कर समाचार' कर
दिया गया । फिर 1958 में दुबारा इस अखबार का
नाम बदलकर 'दैनिक भास्कर' कर दिया गया ।
दैनिक भास्कर का इतिहास भारतीय पत्रकारिता के
इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अखबार
आज भी अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में
जागृति लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ा वा देने में
महत्वपूर्ण योगदा न दे रहा है।

©VIMALESH YADAV

White What do you do when your words become hollow and your quill ends up shallow? when the ink you write with start to fade, when the dent from your pen doesn't pass the front page, Tell me, what do you do when you get your voice back but lose your language? ©Sup_holster

#sad_quotes  White What do you do when your words become hollow
and your quill ends up shallow?
when the ink you write with start to fade, 
when the dent from your pen doesn't pass the front page,

Tell me, what do you do when you get your voice back but lose your language?

©Sup_holster

language #sad_quotes

13 Love

#मराठीशायरी #marathi #poem

#poem #marathi

117 View

भर उन्हात तापलेल्या मातीत तो अनवाणी होऊन शेतात बारे देत होता, तहानलेल्या रोपांना अंगाचा घाम गाळून जीवनदान देत होता. ©Amol M. Bodke

#कविता #MarathiKavita #marathi  भर उन्हात तापलेल्या मातीत तो अनवाणी होऊन 
शेतात बारे देत होता, 
तहानलेल्या रोपांना अंगाचा घाम गाळून 
जीवनदान देत होता.

©Amol M. Bodke

marathi lines #marathi #MarathiKavita

13 Love

White दैनिक भास्कर समाचार पत्र का इतिहास दैनिक भास्कर की स्थापना 1956 में हुई थी , और यह अखबार हिंदी भा षा में प्रकाशित हो ता है। इसका मुख्या लय भोपाल, मध्य प्रदेश में है।है दैनिक भास्कर ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागृति लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1956 में आजाद भारत की जरूरतों को समझते हुए द्वारका प्रसाद अग्रवाल ने भोपाल से 'सुबह सवेरे' और ग्वालियर से 'गुड मॉर्निंग इंडिया ' का प्रकाशन शुरू किया । 1957 में इन दोनों अखबारों का नाम बदलकर 'भास्कर समाचार' कर दिया गया । फिर 1958 में दुबारा इस अखबार का नाम बदलकर 'दैनिक भास्कर' कर दिया गया । दैनिक भास्कर का इतिहास भारतीय पत्रकारिता के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अखबार आज भी अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागृति लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ा वा देने में महत्वपूर्ण योगदा न दे रहा है। ©VIMALESH YADAV

#मोटिवेशनल #vimaleshyadav #love_shayari #Newspaper  White 
दैनिक भास्कर समाचार पत्र का इतिहास 


दैनिक भास्कर की स्थापना 1956 में हुई थी , और
यह अखबार हिंदी भा षा में प्रकाशित हो ता है। इसका
मुख्या लय भोपाल, मध्य प्रदेश में है।है दैनिक भास्कर
ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागृति
लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण
योगदान दिया है। 1956 में आजाद भारत की
जरूरतों को समझते हुए द्वारका प्रसाद अग्रवाल ने
भोपाल से 'सुबह सवेरे' और ग्वालियर से 'गुड मॉर्निंग
इंडिया ' का प्रकाशन शुरू किया । 1957 में इन दोनों
अखबारों का नाम बदलकर 'भास्कर समाचार' कर
दिया गया । फिर 1958 में दुबारा इस अखबार का
नाम बदलकर 'दैनिक भास्कर' कर दिया गया ।
दैनिक भास्कर का इतिहास भारतीय पत्रकारिता के
इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अखबार
आज भी अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में
जागृति लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ा वा देने में
महत्वपूर्ण योगदा न दे रहा है।

©VIMALESH YADAV

White What do you do when your words become hollow and your quill ends up shallow? when the ink you write with start to fade, when the dent from your pen doesn't pass the front page, Tell me, what do you do when you get your voice back but lose your language? ©Sup_holster

#sad_quotes  White What do you do when your words become hollow
and your quill ends up shallow?
when the ink you write with start to fade, 
when the dent from your pen doesn't pass the front page,

Tell me, what do you do when you get your voice back but lose your language?

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भर उन्हात तापलेल्या मातीत तो अनवाणी होऊन शेतात बारे देत होता, तहानलेल्या रोपांना अंगाचा घाम गाळून जीवनदान देत होता. ©Amol M. Bodke

#कविता #MarathiKavita #marathi  भर उन्हात तापलेल्या मातीत तो अनवाणी होऊन 
शेतात बारे देत होता, 
तहानलेल्या रोपांना अंगाचा घाम गाळून 
जीवनदान देत होता.

©Amol M. Bodke

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