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गुणों से पहचान

189 View

Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena

#शायरी #Book  Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं
तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है
जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा
बेताब करते है।।।।।
गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते
..............तो क्या मैं लिखता?
कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार
कलम कही पड़ी होती किसी कोने में
और कागज़ हवा में उड़ रहे होते
कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना
डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते।
मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!!

©Lalit Saxena

#Book दिल से

23 Love

White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ । कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ । लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ , तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ । तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ, मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ । अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ , लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है मेरी नींद हराम करने वाली बेकार में ही दिल की धड़कन बढ़ा लिया करता हूँ। तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ, तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ। मैं तुमसे मिलने से पहले एक बेजान-सा पुतला था तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम। पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ, जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी तुम से जुदा न हो पाऊँगा बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ। कितने लोग आए और कितने चले गए कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ, कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं शायद मैं भी उनमें से एक हूँ अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ। प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ, प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ । लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।। ©Shishpal Chauhan

#कविता #मेरी  White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ ।
कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ ।
लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया
यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ ,
तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ ।
तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ,
मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है 
मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ ।
अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं
मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया
सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ ,
लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है  मेरी नींद हराम करने वाली
बेकार में ही दिल की धड़कन  बढ़ा लिया करता हूँ।
तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं 
तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ,
तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ।
मैं तुमसे मिलने से पहले  एक बेजान-सा पुतला था
तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम।
पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ,
जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है 
तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी 
तुम से जुदा न हो पाऊँगा  बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ।
कितने लोग आए और कितने चले गए 
कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए
सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ,
कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं 
वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं  शायद मैं भी उनमें से एक हूँ 
अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ।
प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है 
उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ,
प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है 
अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ ।
लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।।

©Shishpal Chauhan

#मेरी लेखनी से

13 Love

यादों के झरोखों से अक्सर मैं तुमको निहारा करती हु.... तुम भूल भी जाओ पर मैं तो तुमको ही पुकारा करती हु ........। ©seema patidar

 यादों के झरोखों से अक्सर
मैं तुमको निहारा करती हु....
तुम भूल भी जाओ पर मैं तो
तुमको ही पुकारा करती हु ........।

©seema patidar

यादों के झरोखों से अक्सर मैं तुमको पुकारा करती हु ❣️❣️

14 Love

खुद से दोस्ती

189 View

White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ

#जख्म  White बैठी हैं क्यों दर्द लिए;
आतीत-सा मन को शान्त किये ।
जो बीते पल माहुर से थे;
आज क्यों उनके जाम पिए।
भविष्य सुनहरा राह देखता;
तेरे हर पल आने की,
हौसले से तोड़ बेड़ियाँ
जख्म भरे अल्फाजों की
देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने;
आगे बढ़ तू इसी बहाने ,
दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ;
भूल न उसे ;
जो कहता तू आगे बढ़।
जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ;
शत्रु हो जाए छितर - बितर।।
मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए ,
तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।।

©पूर्वार्थ

#जख्म से जीता

15 Love

गुणों से पहचान

189 View

Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena

#शायरी #Book  Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं
तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है
जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा
बेताब करते है।।।।।
गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते
..............तो क्या मैं लिखता?
कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार
कलम कही पड़ी होती किसी कोने में
और कागज़ हवा में उड़ रहे होते
कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना
डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते।
मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!!

©Lalit Saxena

#Book दिल से

23 Love

White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ । कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ । लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ , तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ । तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ, मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ । अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ , लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है मेरी नींद हराम करने वाली बेकार में ही दिल की धड़कन बढ़ा लिया करता हूँ। तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ, तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ। मैं तुमसे मिलने से पहले एक बेजान-सा पुतला था तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम। पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ, जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी तुम से जुदा न हो पाऊँगा बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ। कितने लोग आए और कितने चले गए कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ, कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं शायद मैं भी उनमें से एक हूँ अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ। प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ, प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ । लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।। ©Shishpal Chauhan

#कविता #मेरी  White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ ।
कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ ।
लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया
यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ ,
तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ ।
तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ,
मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है 
मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ ।
अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं
मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया
सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ ,
लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है  मेरी नींद हराम करने वाली
बेकार में ही दिल की धड़कन  बढ़ा लिया करता हूँ।
तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं 
तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ,
तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ।
मैं तुमसे मिलने से पहले  एक बेजान-सा पुतला था
तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम।
पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ,
जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है 
तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी 
तुम से जुदा न हो पाऊँगा  बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ।
कितने लोग आए और कितने चले गए 
कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए
सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ,
कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं 
वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं  शायद मैं भी उनमें से एक हूँ 
अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ।
प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है 
उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ,
प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है 
अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ ।
लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।।

©Shishpal Chauhan

#मेरी लेखनी से

13 Love

यादों के झरोखों से अक्सर मैं तुमको निहारा करती हु.... तुम भूल भी जाओ पर मैं तो तुमको ही पुकारा करती हु ........। ©seema patidar

 यादों के झरोखों से अक्सर
मैं तुमको निहारा करती हु....
तुम भूल भी जाओ पर मैं तो
तुमको ही पुकारा करती हु ........।

©seema patidar

यादों के झरोखों से अक्सर मैं तुमको पुकारा करती हु ❣️❣️

14 Love

खुद से दोस्ती

189 View

White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ

#जख्म  White बैठी हैं क्यों दर्द लिए;
आतीत-सा मन को शान्त किये ।
जो बीते पल माहुर से थे;
आज क्यों उनके जाम पिए।
भविष्य सुनहरा राह देखता;
तेरे हर पल आने की,
हौसले से तोड़ बेड़ियाँ
जख्म भरे अल्फाजों की
देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने;
आगे बढ़ तू इसी बहाने ,
दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ;
भूल न उसे ;
जो कहता तू आगे बढ़।
जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ;
शत्रु हो जाए छितर - बितर।।
मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए ,
तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।।

©पूर्वार्थ

#जख्म से जीता

15 Love

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