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White निर्णायक साँसो के रथ पर. बैठ चुका हैँ वो थका हुआ मुसाफिर हालाकि ये पथ उपेक्षिरत भी हैँ. कटकित भी हैँ इसके बावजूद मुसाफिर मे यहां हलचल कोई दिखती नही ©Parasram Arora

 White निर्णायक  साँसो के रथ पर.
बैठ चुका  हैँ वो थका हुआ मुसाफिर
 
हालाकि ये पथ उपेक्षिरत भी हैँ. कटकित भी हैँ 

  इसके बावजूद  मुसाफिर  मे यहां हलचल कोई दिखती नही

©Parasram Arora

# निर्णायक सांसे

13 Love

Unsplash करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में, तेरी ये तस्वीर भी चलती हैं ।। पढ़ता हूँ मैं तस्बीह¹, हर रोज़ तेरे नाम की । सुना हैं, यह दुनियां खुदा के नाम से चलती हैं ।। (read full in caption) ©Jayesh gulati

#विचार #lovelife  Unsplash 

करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा ।
मेरे ख्वाबों में, तेरी ये तस्वीर भी चलती हैं  ।।

पढ़ता हूँ मैं तस्बीह¹, हर रोज़ तेरे नाम की ।
सुना हैं, यह दुनियां खुदा के नाम से चलती हैं ।।

(read full in caption)

©Jayesh gulati

तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में

10 Love

Unsplash दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। । ©Dhaneshdwivediwriter

#धनेश्_द्विवेदी #dhaneshdwivediwriter #शायरी #dhaneshdwivedi #traveling  Unsplash दस साल बाद मौत नजर आई
दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए
जब उसने कहा 
अब तुम मुझे भूल जाओ,
घरवाले नहीं मानेंगे।













।

©Dhaneshdwivediwriter

#traveling दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। #dhaneshdwivediwriter #dh

10 Love

#हिन्दी_साहित्य #कवितावाचिका #संस्कृत #विचार #wellwisher_taru #indianwriters

अनुवाद सहित शीर्षक खिड़की कमरे की . . विधा भावुक विचार . .

171 View

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

#KavitaNojotoHindi #कविता #nojoto😀😀 #♥️💔💔 #shaamkikavita  शाम की छोटी कविताएँ
यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं:
 * शाम का नजारा:
   धूप छिपी, छाया फैली,
   चिड़ियों की चहचहाट थमी।
   आकाश रंग बदलता,
   शाम आई, मन को भाती।
 * संध्या का समय:
   आज का दिन हुआ समाप्त,
   तारे निकले, चाँद आया।
   हवा चलती, शीतल लगती,
   मन शांत, आनंद भरा।
 * शाम की यादें:
   बचपन की शामें याद आतीं,
   दोस्तों संग खेलते थे।
   खेतों में दौड़ते फिरते,
   खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍

©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की

7 Love

White क्यों सुनते नहीं हो तुम दिल जो कहता है , सांसे क्यों रोती है कुछ दिल तो कहता हैं , इतना रुठे तुम जैसे कोई मीन नीर के बिन , आये ही नहीं हो तुम राहे ये कहता है । ©darpanpremka by Rajesh Rj

#darpanpremkabyrajeshrj #शायरी #darpanpremka #good_night  White क्यों सुनते नहीं हो तुम दिल  जो कहता है ,
सांसे क्यों  रोती है  कुछ दिल तो कहता हैं ,
इतना रुठे तुम जैसे कोई मीन नीर के बिन ,
आये  ही  नहीं  हो  तुम राहे  ये कहता  है ।

©darpanpremka by Rajesh Rj

क्यों सुनते नहीं हो तुम दिल जो कहता है , सांसे क्यों रोती है कुछ दिल तो कहता हैं , इतना रुठे तुम जैसे कोई मीन नीर के बिन , आये ही नहीं हो मि

36 Love

White निर्णायक साँसो के रथ पर. बैठ चुका हैँ वो थका हुआ मुसाफिर हालाकि ये पथ उपेक्षिरत भी हैँ. कटकित भी हैँ इसके बावजूद मुसाफिर मे यहां हलचल कोई दिखती नही ©Parasram Arora

 White निर्णायक  साँसो के रथ पर.
बैठ चुका  हैँ वो थका हुआ मुसाफिर
 
हालाकि ये पथ उपेक्षिरत भी हैँ. कटकित भी हैँ 

  इसके बावजूद  मुसाफिर  मे यहां हलचल कोई दिखती नही

©Parasram Arora

# निर्णायक सांसे

13 Love

Unsplash करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में, तेरी ये तस्वीर भी चलती हैं ।। पढ़ता हूँ मैं तस्बीह¹, हर रोज़ तेरे नाम की । सुना हैं, यह दुनियां खुदा के नाम से चलती हैं ।। (read full in caption) ©Jayesh gulati

#विचार #lovelife  Unsplash 

करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा ।
मेरे ख्वाबों में, तेरी ये तस्वीर भी चलती हैं  ।।

पढ़ता हूँ मैं तस्बीह¹, हर रोज़ तेरे नाम की ।
सुना हैं, यह दुनियां खुदा के नाम से चलती हैं ।।

(read full in caption)

©Jayesh gulati

तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में

10 Love

Unsplash दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। । ©Dhaneshdwivediwriter

#धनेश्_द्विवेदी #dhaneshdwivediwriter #शायरी #dhaneshdwivedi #traveling  Unsplash दस साल बाद मौत नजर आई
दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए
जब उसने कहा 
अब तुम मुझे भूल जाओ,
घरवाले नहीं मानेंगे।













।

©Dhaneshdwivediwriter

#traveling दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। #dhaneshdwivediwriter #dh

10 Love

#हिन्दी_साहित्य #कवितावाचिका #संस्कृत #विचार #wellwisher_taru #indianwriters

अनुवाद सहित शीर्षक खिड़की कमरे की . . विधा भावुक विचार . .

171 View

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

#KavitaNojotoHindi #कविता #nojoto😀😀 #♥️💔💔 #shaamkikavita  शाम की छोटी कविताएँ
यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं:
 * शाम का नजारा:
   धूप छिपी, छाया फैली,
   चिड़ियों की चहचहाट थमी।
   आकाश रंग बदलता,
   शाम आई, मन को भाती।
 * संध्या का समय:
   आज का दिन हुआ समाप्त,
   तारे निकले, चाँद आया।
   हवा चलती, शीतल लगती,
   मन शांत, आनंद भरा।
 * शाम की यादें:
   बचपन की शामें याद आतीं,
   दोस्तों संग खेलते थे।
   खेतों में दौड़ते फिरते,
   खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍

©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की

7 Love

White क्यों सुनते नहीं हो तुम दिल जो कहता है , सांसे क्यों रोती है कुछ दिल तो कहता हैं , इतना रुठे तुम जैसे कोई मीन नीर के बिन , आये ही नहीं हो तुम राहे ये कहता है । ©darpanpremka by Rajesh Rj

#darpanpremkabyrajeshrj #शायरी #darpanpremka #good_night  White क्यों सुनते नहीं हो तुम दिल  जो कहता है ,
सांसे क्यों  रोती है  कुछ दिल तो कहता हैं ,
इतना रुठे तुम जैसे कोई मीन नीर के बिन ,
आये  ही  नहीं  हो  तुम राहे  ये कहता  है ।

©darpanpremka by Rajesh Rj

क्यों सुनते नहीं हो तुम दिल जो कहता है , सांसे क्यों रोती है कुछ दिल तो कहता हैं , इतना रुठे तुम जैसे कोई मीन नीर के बिन , आये ही नहीं हो मि

36 Love

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