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मन बै-रागी तन अनुरागी कदम कदम दुश्वारी है जीवन जीना सहज न समझो बहुत बड़ी फनकारी है औरों जैसे होकर भी हम बा इज्जत है इस बस्ती में कुछ लोगो का सीधा-पन है कुछ अपनी अय्यारी है... ©बेजुबान शायर shivkumar

#अनुरागी #कविता #इज्जत #सहज  मन बै-रागी तन अनुरागी कदम कदम दुश्वारी है 
जीवन जीना सहज न समझो बहुत बड़ी फनकारी है 
औरों जैसे होकर भी हम बा इज्जत है इस बस्ती में 
कुछ लोगो का सीधा-पन है कुछ अपनी अय्यारी है...

©बेजुबान शायर shivkumar

मन बै-रागी तन #अनुरागी कदम कदम दुश्वारी है जीवन जीना #सहज न समझो बहुत बड़ी फनकारी है औरों जैसे होकर भी हम बा #इज्जत है इस बस्ती में कु

17 Love

White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar

#हरियाली #ठिठुरने #नदियाँ #कविता #बरसात #मौसम  White शरद ऋतु का आगमन।।

गदराई धानों की बाली,
     है पसरी चहुँमुख हरियाली।
           गया दशहरा, आया मेला,
               धूप गुनगुना, मोहक बेला।

                     पड़ने लगे तुहिन कण।
                       शरद ऋतु का आगमन।।

             
गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, 
    बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं।
         क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें,
               परत सफेद गगन में बिखरे।
                      
                      रवि रथ पर दक्षिणायन ।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

            
उफनाईं नदियाँ सिमट रही,
      तने से लताएँ लिपट रही।
            धीवर चले ले जलधि में नाव,
                 मन मोहक अब लगता गाँव।

                     निखर उठे हैं तन - मन।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

लहराते खेतों में किसान,
     मन ही मन गा रहा है गान।
           धरती सार  सहज बतलाती,
                 धूप छांव जीवन समझाती।
                         
                      नाच रहे मस्त मगन ,
                            शरद ऋतु का आगमन।।

©बेजुबान शायर shivkumar

#मौसम @Sethi Ji @Bhanu Priya @Kshitija @Sana naaz @puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा

13 Love

मेरी मुसीबतों को जो अपना समझ, हर वक्त आगे आकर अपना सर लेता है, यार वो कोई और नहीं भाई होता है ! i miss you kundan Bhai🫂😔🙏🙏😭😭😭 ©Ashish kumar Official

#Photos  मेरी मुसीबतों को जो अपना समझ,
हर वक्त आगे आकर अपना सर लेता है,
यार वो कोई और नहीं भाई होता है !
    
i miss you kundan Bhai🫂😔🙏🙏😭😭😭

©Ashish kumar Official

#Photos भाई हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। वह हमारा आदर्श और सबसे अच्छा दोस्त होता है। एक बड़ा या छोटा भाई होना एक आशीर्वाद क

23 Love

#कविता

काव्य महारथी राजेश कुमार पाण्डेय "सहज", सिलवासा हिंदी दिवस पर कविता कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता

171 View

White समझ और सहज दो अंधेरी सुरंग हैं जिसे हमें पार करना पड़ता हैं, अगर समझ हैं तो सहज नहीं करते और सहज तो समझ नहीं करते हैं! कुदरत की नजरों में समझ व सहज दोनों ही अनमोल अनोखी सत्ता हैं,, समझ और सहज कुछ ही इंसानों में होती हैं और जिनमें हैं वो राज करता है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad

#मोटिवेशनल #शायरी #इंसान #कुदरत #अनमोल  White समझ और सहज दो अंधेरी सुरंग हैं जिसे
 हमें पार करना पड़ता हैं,
अगर समझ हैं तो सहज नहीं करते और
 सहज तो समझ नहीं करते हैं!
कुदरत की नजरों में समझ व सहज दोनों
 ही अनमोल अनोखी सत्ता हैं,,
समझ और सहज कुछ ही इंसानों में होती 
हैं और जिनमें हैं वो राज करता है!!
डीयर आर एस आज़ाद...

©Ramkishor Azad
#मोटिवेशनल #World_Photography_Day  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
मैं हर एक वस्तु में हूँ, और उससे 
परे भी में ही हूँ, मैं ही सभी रिक्त 
स्थान को भरता हूँ, में ही सबका 
कर्ता हूँ, में ही सबका सहज भाव 
से भरता हूँ, मे ही अकर्ता, इस 
चराचर लोको का सब कुछ 
मैं ही हूँ:- भगवान श्री कृष्ण।।

©N S Yadav GoldMine

#World_Photography_Day {Bolo Ji Radhey Radhey} मैं हर एक वस्तु में हूँ, और उससे परे भी में ही हूँ, मैं ही सभी रिक्त स्थान को भरता हूँ, में

153 View

मन बै-रागी तन अनुरागी कदम कदम दुश्वारी है जीवन जीना सहज न समझो बहुत बड़ी फनकारी है औरों जैसे होकर भी हम बा इज्जत है इस बस्ती में कुछ लोगो का सीधा-पन है कुछ अपनी अय्यारी है... ©बेजुबान शायर shivkumar

#अनुरागी #कविता #इज्जत #सहज  मन बै-रागी तन अनुरागी कदम कदम दुश्वारी है 
जीवन जीना सहज न समझो बहुत बड़ी फनकारी है 
औरों जैसे होकर भी हम बा इज्जत है इस बस्ती में 
कुछ लोगो का सीधा-पन है कुछ अपनी अय्यारी है...

©बेजुबान शायर shivkumar

मन बै-रागी तन #अनुरागी कदम कदम दुश्वारी है जीवन जीना #सहज न समझो बहुत बड़ी फनकारी है औरों जैसे होकर भी हम बा #इज्जत है इस बस्ती में कु

17 Love

White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar

#हरियाली #ठिठुरने #नदियाँ #कविता #बरसात #मौसम  White शरद ऋतु का आगमन।।

गदराई धानों की बाली,
     है पसरी चहुँमुख हरियाली।
           गया दशहरा, आया मेला,
               धूप गुनगुना, मोहक बेला।

                     पड़ने लगे तुहिन कण।
                       शरद ऋतु का आगमन।।

             
गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, 
    बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं।
         क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें,
               परत सफेद गगन में बिखरे।
                      
                      रवि रथ पर दक्षिणायन ।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

            
उफनाईं नदियाँ सिमट रही,
      तने से लताएँ लिपट रही।
            धीवर चले ले जलधि में नाव,
                 मन मोहक अब लगता गाँव।

                     निखर उठे हैं तन - मन।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

लहराते खेतों में किसान,
     मन ही मन गा रहा है गान।
           धरती सार  सहज बतलाती,
                 धूप छांव जीवन समझाती।
                         
                      नाच रहे मस्त मगन ,
                            शरद ऋतु का आगमन।।

©बेजुबान शायर shivkumar

#मौसम @Sethi Ji @Bhanu Priya @Kshitija @Sana naaz @puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा

13 Love

मेरी मुसीबतों को जो अपना समझ, हर वक्त आगे आकर अपना सर लेता है, यार वो कोई और नहीं भाई होता है ! i miss you kundan Bhai🫂😔🙏🙏😭😭😭 ©Ashish kumar Official

#Photos  मेरी मुसीबतों को जो अपना समझ,
हर वक्त आगे आकर अपना सर लेता है,
यार वो कोई और नहीं भाई होता है !
    
i miss you kundan Bhai🫂😔🙏🙏😭😭😭

©Ashish kumar Official

#Photos भाई हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। वह हमारा आदर्श और सबसे अच्छा दोस्त होता है। एक बड़ा या छोटा भाई होना एक आशीर्वाद क

23 Love

#कविता

काव्य महारथी राजेश कुमार पाण्डेय "सहज", सिलवासा हिंदी दिवस पर कविता कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता

171 View

White समझ और सहज दो अंधेरी सुरंग हैं जिसे हमें पार करना पड़ता हैं, अगर समझ हैं तो सहज नहीं करते और सहज तो समझ नहीं करते हैं! कुदरत की नजरों में समझ व सहज दोनों ही अनमोल अनोखी सत्ता हैं,, समझ और सहज कुछ ही इंसानों में होती हैं और जिनमें हैं वो राज करता है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad

#मोटिवेशनल #शायरी #इंसान #कुदरत #अनमोल  White समझ और सहज दो अंधेरी सुरंग हैं जिसे
 हमें पार करना पड़ता हैं,
अगर समझ हैं तो सहज नहीं करते और
 सहज तो समझ नहीं करते हैं!
कुदरत की नजरों में समझ व सहज दोनों
 ही अनमोल अनोखी सत्ता हैं,,
समझ और सहज कुछ ही इंसानों में होती 
हैं और जिनमें हैं वो राज करता है!!
डीयर आर एस आज़ाद...

©Ramkishor Azad
#मोटिवेशनल #World_Photography_Day  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
मैं हर एक वस्तु में हूँ, और उससे 
परे भी में ही हूँ, मैं ही सभी रिक्त 
स्थान को भरता हूँ, में ही सबका 
कर्ता हूँ, में ही सबका सहज भाव 
से भरता हूँ, मे ही अकर्ता, इस 
चराचर लोको का सब कुछ 
मैं ही हूँ:- भगवान श्री कृष्ण।।

©N S Yadav GoldMine

#World_Photography_Day {Bolo Ji Radhey Radhey} मैं हर एक वस्तु में हूँ, और उससे परे भी में ही हूँ, मैं ही सभी रिक्त स्थान को भरता हूँ, में

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