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बापू की बोझिल सांसें शायरी में कहती है...... ज़मीन जहान से मैं हो चुका हूं फ़ना अब नही रहा वह ज़माना भला कैसे कह दूं हक़ से हक़ीक़त है क्या और क्या है फ़साना सुना है मैंने हुकूमत हांसील है चंद सफ़ेद लिबासी मुजरिमों को जो सीखाते है वतन परस्ती और सीखाते किसे कब है फँसाना ©अदनासा-

#राजनीति #हक़ीक़त #सियासत #ज़माना #फ़साना #फँसाना  बापू की बोझिल सांसें शायरी में कहती है......




ज़मीन  जहान से मैं हो चुका हूं  फ़ना अब नही रहा वह ज़माना
भला  कैसे कह दूं  हक़ से  हक़ीक़त है  क्या और क्या है फ़साना
सुना है मैंने हुकूमत हांसील है चंद सफ़ेद लिबासी मुजरिमों को
जो सीखाते है वतन परस्ती  और  सीखाते किसे कब है फँसाना

©अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳Nojoto App #हिंदी #सियासत #हक़ीक़त #फ़साना #ज़माना #फँसाना #राजनीति #Instagram #Facebook #अदनासा शायर

27 Love

इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक,
दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला।

जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता,
जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला।

अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया,
वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला।

मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे,
जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला।

ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने,
आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का

15 Love

#शायरी

मुनीर नियाज़ी हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा'दा निभाना हो उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो हमेशा द

513 View

चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का समंदर, साहिल न हो सका। ज़ख़्मों ने मुझे सीखा दिया सब्र का हुनर, पर दर्द था जो, दिल से ज़ाहिर न हो सका। हर ग़म को सीने से लगाया ख़ुशी समझ, मगर वो, हक़ीक़तों में क़ाबिल न हो सका। अरमान थे चाँद छूने के, मगर ऐ दिल, जो पास था भी, वो हासिल न हो सका। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका,
ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका।

मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत,
जज़्बात का समंदर, साहिल न हो सका।

ज़ख़्मों ने मुझे सीखा दिया सब्र का हुनर,
पर दर्द था जो, दिल से ज़ाहिर न हो सका।

हर ग़म को सीने से लगाया ख़ुशी समझ,
मगर वो, हक़ीक़तों में क़ाबिल न हो सका।

अरमान थे चाँद छूने के, मगर ऐ दिल,
जो पास था भी, वो हासिल न हो सका।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम

15 Love

इतराने को बेशुमार ये ख़ूबसूरती कितनी है हक़ीक़त हर शख़्स की 'शौक' मगर इतनी है ©Shiv Narayan Saxena

#सुप्रभात  इतराने को  बेशुमार ये  ख़ूबसूरती कितनी है
हक़ीक़त हर शख़्स की 'शौक' मगर इतनी है

©Shiv Narayan Saxena

#सुप्रभात हक़ीक़त हर शख़्स की.....hindi shayari shayari status

19 Love

#मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #शायरी #shayri

बापू की बोझिल सांसें शायरी में कहती है...... ज़मीन जहान से मैं हो चुका हूं फ़ना अब नही रहा वह ज़माना भला कैसे कह दूं हक़ से हक़ीक़त है क्या और क्या है फ़साना सुना है मैंने हुकूमत हांसील है चंद सफ़ेद लिबासी मुजरिमों को जो सीखाते है वतन परस्ती और सीखाते किसे कब है फँसाना ©अदनासा-

#राजनीति #हक़ीक़त #सियासत #ज़माना #फ़साना #फँसाना  बापू की बोझिल सांसें शायरी में कहती है......




ज़मीन  जहान से मैं हो चुका हूं  फ़ना अब नही रहा वह ज़माना
भला  कैसे कह दूं  हक़ से  हक़ीक़त है  क्या और क्या है फ़साना
सुना है मैंने हुकूमत हांसील है चंद सफ़ेद लिबासी मुजरिमों को
जो सीखाते है वतन परस्ती  और  सीखाते किसे कब है फँसाना

©अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳Nojoto App #हिंदी #सियासत #हक़ीक़त #फ़साना #ज़माना #फँसाना #राजनीति #Instagram #Facebook #अदनासा शायर

27 Love

इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक,
दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला।

जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता,
जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला।

अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया,
वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला।

मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे,
जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला।

ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने,
आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का

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#शायरी

मुनीर नियाज़ी हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा'दा निभाना हो उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो हमेशा द

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चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का समंदर, साहिल न हो सका। ज़ख़्मों ने मुझे सीखा दिया सब्र का हुनर, पर दर्द था जो, दिल से ज़ाहिर न हो सका। हर ग़म को सीने से लगाया ख़ुशी समझ, मगर वो, हक़ीक़तों में क़ाबिल न हो सका। अरमान थे चाँद छूने के, मगर ऐ दिल, जो पास था भी, वो हासिल न हो सका। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका,
ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका।

मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत,
जज़्बात का समंदर, साहिल न हो सका।

ज़ख़्मों ने मुझे सीखा दिया सब्र का हुनर,
पर दर्द था जो, दिल से ज़ाहिर न हो सका।

हर ग़म को सीने से लगाया ख़ुशी समझ,
मगर वो, हक़ीक़तों में क़ाबिल न हो सका।

अरमान थे चाँद छूने के, मगर ऐ दिल,
जो पास था भी, वो हासिल न हो सका।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम

15 Love

इतराने को बेशुमार ये ख़ूबसूरती कितनी है हक़ीक़त हर शख़्स की 'शौक' मगर इतनी है ©Shiv Narayan Saxena

#सुप्रभात  इतराने को  बेशुमार ये  ख़ूबसूरती कितनी है
हक़ीक़त हर शख़्स की 'शौक' मगर इतनी है

©Shiv Narayan Saxena

#सुप्रभात हक़ीक़त हर शख़्स की.....hindi shayari shayari status

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#मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #शायरी #shayri
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