यूं कमल सा खिला रहे आनन, कहीं मुस्कुराहट फिकी ना पड़े।
यूं हस कर जिया करो , ये दिन सैकड़ों बार आये।।
ये मिलनसार सा स्वभाव, कभी उदासी ना रहे।
ये मलमल सा कलेवर, यूही सजे घर का आंगन।।
खुशियां हों जन्मदिन की, मिले हजारों दूआऐं आपको।
मम्मी का वो प्यार मिले, पापा का दुलार।।
भाईयों का साथ मिले, हर मुश्किल मैं साथ रहे।
गुरू जनों का मिले आशीर्वाद , हम दोस्तों हर मोड़ पर साथ।।
अवतरण दिवस री घणी मोकळी शुभकानावां आपरै ऊपर
मां कुलदेवी अर पहला गुरु माता पिता रो आशीर्वाद बण्यो रेवै।
खुमाण सिंह (रजोधर)
©Khuman Singh
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