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New स्त्री धातु रोग की दवा Status, Photo, Video

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Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓 ©सूरज

#स्त्री #विचार  Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓

©सूरज

Unsplash मै तो किसी के दर्द की दवा बनाना चाहती थी मुझे तो अब पाता चला कि सब से बड़ा दर्द मैं हुँ 🥺🥺 ©Pratima

#शायरी #library  Unsplash मै तो किसी के दर्द की दवा बनाना चाहती थी मुझे तो अब पाता चला कि सब से बड़ा दर्द मैं हुँ 🥺🥺

©Pratima

#library दर्द की दवा 🙏🏻🙏🏻🌍🌍

8 Love

Unsplash जाने कब...मेरे दर्द की दवा वो बन गया, जिसे चाहने की आदत...मेरे दिल ने लगा रखी थी। 🍁🍁🍁 ©Neel

#शायरी #दर्द  Unsplash जाने कब...मेरे दर्द की दवा वो बन गया,
जिसे चाहने की आदत...मेरे दिल ने लगा रखी थी।

🍁🍁🍁

©Neel

#दर्द की दवा🍁

25 Love

#विचार

शादीशुदा स्त्री

117 View

White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ और मेरे कविता के बहते नासूर से फिर एक जिस्म तैयार होता है हर बार हृदय काग़ज के आर पार बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म की तूरपाई मे कागज के सिलवटों को नोच देता है दर्द नासूर का नही, जिस्म का नही काग़ज का होता मौत तीनों को कैद करता है रूह अकेला चित्कारता है कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है ©चाँदनी

#रोग  White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है
शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही
कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है

मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ
और मेरे कविता के बहते नासूर से 
फिर एक जिस्म तैयार होता है 

हर बार हृदय काग़ज के आर पार
बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म
की तूरपाई मे कागज के सिलवटों
को नोच देता है

दर्द नासूर का नही, जिस्म का
 नही काग़ज का होता

मौत तीनों को कैद करता है
रूह अकेला चित्कारता है

कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती
बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार
जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है

©चाँदनी

#रोग

16 Love

Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓 ©सूरज

#स्त्री #विचार  Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓

©सूरज

Unsplash मै तो किसी के दर्द की दवा बनाना चाहती थी मुझे तो अब पाता चला कि सब से बड़ा दर्द मैं हुँ 🥺🥺 ©Pratima

#शायरी #library  Unsplash मै तो किसी के दर्द की दवा बनाना चाहती थी मुझे तो अब पाता चला कि सब से बड़ा दर्द मैं हुँ 🥺🥺

©Pratima

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Unsplash जाने कब...मेरे दर्द की दवा वो बन गया, जिसे चाहने की आदत...मेरे दिल ने लगा रखी थी। 🍁🍁🍁 ©Neel

#शायरी #दर्द  Unsplash जाने कब...मेरे दर्द की दवा वो बन गया,
जिसे चाहने की आदत...मेरे दिल ने लगा रखी थी।

🍁🍁🍁

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शादीशुदा स्त्री

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White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ और मेरे कविता के बहते नासूर से फिर एक जिस्म तैयार होता है हर बार हृदय काग़ज के आर पार बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म की तूरपाई मे कागज के सिलवटों को नोच देता है दर्द नासूर का नही, जिस्म का नही काग़ज का होता मौत तीनों को कैद करता है रूह अकेला चित्कारता है कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है ©चाँदनी

#रोग  White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है
शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही
कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है

मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ
और मेरे कविता के बहते नासूर से 
फिर एक जिस्म तैयार होता है 

हर बार हृदय काग़ज के आर पार
बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म
की तूरपाई मे कागज के सिलवटों
को नोच देता है

दर्द नासूर का नही, जिस्म का
 नही काग़ज का होता

मौत तीनों को कैद करता है
रूह अकेला चित्कारता है

कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती
बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार
जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है

©चाँदनी

#रोग

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