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White - कुछ दोहे - शीर्षक- "करुणा" ------------------------------------------ 1- करुणा है अवधारणा, करुणा जीवन सार। सब धर्मों का मानिए, करुणा ही आधार।। 2- जहाँ नहीं करुणा दया, प्रेम और सहयोग। खतरनाक ऐसी जगह, और वहाँ के लोग।। 3- नारी है नारायणी, इसके रूप अनेक। प्रेम क्षमा करुणा दया, जिसमें बुद्धि-विवेक।। 4- पीर परायी जानना, करुणा का अभिप्राय। करुणा प्रेरक शांति की, संतों की यह राय।। 5- करुणा से संबद्ध हैं, दया अहिंसा शांति। यह करती निर्मल हृदय, मेटे मन की भ्रांति।। - हरिओम श्रीवास्तव - भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava

#कविता #Sad_Status  White  - कुछ दोहे - शीर्षक- "करुणा"
------------------------------------------
1-
करुणा है अवधारणा, करुणा जीवन सार।
सब धर्मों का मानिए, करुणा ही आधार।।
2-
जहाँ नहीं करुणा दया, प्रेम और सहयोग। 
खतरनाक ऐसी जगह, और वहाँ के लोग।। 
3-
नारी है नारायणी,  इसके रूप अनेक।
प्रेम क्षमा करुणा दया, जिसमें बुद्धि-विवेक।।
4-
पीर परायी जानना, करुणा का अभिप्राय।
करुणा प्रेरक शांति की, संतों की यह राय।।
5-
करुणा से संबद्ध हैं, दया अहिंसा शांति।
यह करती निर्मल हृदय, मेटे मन की भ्रांति।।
- हरिओम श्रीवास्तव -
भोपाल, म.प्र.

©Hariom Shrivastava

#Sad_Status हिंदी कविता हिंदी कविता

16 Love

White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर.. एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये.. क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं ©Zindgi Ka Safar # priya

#कविता #good_night  White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर..
एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये..
क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं

©Zindgi Ka Safar # priya

#good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता

14 Love

White - बुंदेली में कुण्डलिया- ------------------------------------------- सोकें उठ गय देव अब, होन लगे हैं ब्याव। करो बरातें ठाट सै, खूब पंगतें खाव।। खूब पंगतें खाव, लुचइँ रबड़ी रसगुल्ला। ढोल नगाड़े बैंड, और बजनें रमतुल्ला।। क्वाँरिन के अब ब्याव, सबइ के रेंहैं होकें। चौमासिन के बाद, देव उठ गय हैं सोकें।। - हरिओम श्रीवास्तव - भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava

#Ganesh_chaturthi #कविता  White  - बुंदेली में कुण्डलिया-
-------------------------------------------
सोकें उठ गय देव अब, होन लगे हैं ब्याव।
करो बरातें ठाट सै, खूब पंगतें खाव।।
खूब पंगतें खाव, लुचइँ रबड़ी रसगुल्ला।
ढोल नगाड़े बैंड, और बजनें रमतुल्ला।।
क्वाँरिन के अब ब्याव, सबइ के रेंहैं होकें।
चौमासिन के बाद, देव उठ गय हैं सोकें।।
- हरिओम श्रीवास्तव -
भोपाल, म.प्र.

©Hariom Shrivastava

#Ganesh_chaturthi हिंदी कविता हिंदी कविता

16 Love

White - कुण्डलिया - “बँटोगे तो कटोगे”  ------------------------------------ पति का मोबाइल मिला, बार-बार जब व्यस्त। पत्नी ने मैसेज तब, लिखा बहुत ही मस्त।। लिखा बहुत ही मस्त, ‘बँटोगे अगर कटोगे’। फिर तुम सबको छोड़, हमेशा मुझे रटोगे।। पढ़ते ही आभास, हुआ पति को निज गति का। पत्नी को तत्काल, फोन आया तब पति का।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #love_shayari  White  - कुण्डलिया  - “बँटोगे तो कटोगे” 
------------------------------------
पति का मोबाइल मिला, बार-बार जब व्यस्त।
पत्नी ने मैसेज तब, लिखा बहुत ही मस्त।।
लिखा बहुत ही मस्त, ‘बँटोगे अगर कटोगे’।
फिर तुम सबको छोड़, हमेशा मुझे रटोगे।।
पढ़ते ही आभास, हुआ पति को निज गति का।
पत्नी को तत्काल, फोन आया तब पति का।।
- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#love_shayari हिंदी कविता हिंदी कविता

10 Love

शुभ धनतेरस - कुण्डलिया - धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार। मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।। घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन।  इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।। खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस। मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।। -हरिओमश्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #Dhanteras  शुभ धनतेरस


- कुण्डलिया -

धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार।
मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।।
घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन। 
इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।।
खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस।
मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।।

-हरिओमश्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#Dhanteras हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

#कविता  खूबसूरत वादियों में 
हो मेरा बसेरा 
हो मेरा वहीं 
शाम और सवेरा

©kavi Dinesh kumar

खूबसूरत वादियों में हिंदी कविता

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White - कुछ दोहे - शीर्षक- "करुणा" ------------------------------------------ 1- करुणा है अवधारणा, करुणा जीवन सार। सब धर्मों का मानिए, करुणा ही आधार।। 2- जहाँ नहीं करुणा दया, प्रेम और सहयोग। खतरनाक ऐसी जगह, और वहाँ के लोग।। 3- नारी है नारायणी, इसके रूप अनेक। प्रेम क्षमा करुणा दया, जिसमें बुद्धि-विवेक।। 4- पीर परायी जानना, करुणा का अभिप्राय। करुणा प्रेरक शांति की, संतों की यह राय।। 5- करुणा से संबद्ध हैं, दया अहिंसा शांति। यह करती निर्मल हृदय, मेटे मन की भ्रांति।। - हरिओम श्रीवास्तव - भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava

#कविता #Sad_Status  White  - कुछ दोहे - शीर्षक- "करुणा"
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1-
करुणा है अवधारणा, करुणा जीवन सार।
सब धर्मों का मानिए, करुणा ही आधार।।
2-
जहाँ नहीं करुणा दया, प्रेम और सहयोग। 
खतरनाक ऐसी जगह, और वहाँ के लोग।। 
3-
नारी है नारायणी,  इसके रूप अनेक।
प्रेम क्षमा करुणा दया, जिसमें बुद्धि-विवेक।।
4-
पीर परायी जानना, करुणा का अभिप्राय।
करुणा प्रेरक शांति की, संतों की यह राय।।
5-
करुणा से संबद्ध हैं, दया अहिंसा शांति।
यह करती निर्मल हृदय, मेटे मन की भ्रांति।।
- हरिओम श्रीवास्तव -
भोपाल, म.प्र.

©Hariom Shrivastava

#Sad_Status हिंदी कविता हिंदी कविता

16 Love

White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर.. एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये.. क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं ©Zindgi Ka Safar # priya

#कविता #good_night  White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर..
एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये..
क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं

©Zindgi Ka Safar # priya

#good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता

14 Love

White - बुंदेली में कुण्डलिया- ------------------------------------------- सोकें उठ गय देव अब, होन लगे हैं ब्याव। करो बरातें ठाट सै, खूब पंगतें खाव।। खूब पंगतें खाव, लुचइँ रबड़ी रसगुल्ला। ढोल नगाड़े बैंड, और बजनें रमतुल्ला।। क्वाँरिन के अब ब्याव, सबइ के रेंहैं होकें। चौमासिन के बाद, देव उठ गय हैं सोकें।। - हरिओम श्रीवास्तव - भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava

#Ganesh_chaturthi #कविता  White  - बुंदेली में कुण्डलिया-
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सोकें उठ गय देव अब, होन लगे हैं ब्याव।
करो बरातें ठाट सै, खूब पंगतें खाव।।
खूब पंगतें खाव, लुचइँ रबड़ी रसगुल्ला।
ढोल नगाड़े बैंड, और बजनें रमतुल्ला।।
क्वाँरिन के अब ब्याव, सबइ के रेंहैं होकें।
चौमासिन के बाद, देव उठ गय हैं सोकें।।
- हरिओम श्रीवास्तव -
भोपाल, म.प्र.

©Hariom Shrivastava

#Ganesh_chaturthi हिंदी कविता हिंदी कविता

16 Love

White - कुण्डलिया - “बँटोगे तो कटोगे”  ------------------------------------ पति का मोबाइल मिला, बार-बार जब व्यस्त। पत्नी ने मैसेज तब, लिखा बहुत ही मस्त।। लिखा बहुत ही मस्त, ‘बँटोगे अगर कटोगे’। फिर तुम सबको छोड़, हमेशा मुझे रटोगे।। पढ़ते ही आभास, हुआ पति को निज गति का। पत्नी को तत्काल, फोन आया तब पति का।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #love_shayari  White  - कुण्डलिया  - “बँटोगे तो कटोगे” 
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पति का मोबाइल मिला, बार-बार जब व्यस्त।
पत्नी ने मैसेज तब, लिखा बहुत ही मस्त।।
लिखा बहुत ही मस्त, ‘बँटोगे अगर कटोगे’।
फिर तुम सबको छोड़, हमेशा मुझे रटोगे।।
पढ़ते ही आभास, हुआ पति को निज गति का।
पत्नी को तत्काल, फोन आया तब पति का।।
- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#love_shayari हिंदी कविता हिंदी कविता

10 Love

शुभ धनतेरस - कुण्डलिया - धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार। मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।। घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन।  इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।। खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस। मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।। -हरिओमश्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #Dhanteras  शुभ धनतेरस


- कुण्डलिया -

धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार।
मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।।
घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन। 
इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।।
खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस।
मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।।

-हरिओमश्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#Dhanteras हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

#कविता  खूबसूरत वादियों में 
हो मेरा बसेरा 
हो मेरा वहीं 
शाम और सवेरा

©kavi Dinesh kumar

खूबसूरत वादियों में हिंदी कविता

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