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#शायरी  बात अपनी  हमें   भी  बता  दीजिए,
आज सच से  पर्दा  तुम उठा दीजिए।

कौन  अपना  पराया  यहाँ  है  सनम,
आप दिल की जरा अब सुना दीजिए।

©अनिल कसेर "उजाला"

सुना दीजिए

117 View

मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए। ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ, तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए। मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है, राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए। रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से, वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए। हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे, हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए। कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए, वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत',
तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए।

जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश,
उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए।
ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ,
तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए।

मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है,
राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए।
रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से,
वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए।
हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे,
हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए।

कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए,
वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्

13 Love

जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। लगे जब भी जीने की राह कठिन, इरादों से रास्ते अपने बना दीजिए। हर ख्वाहिश को हासिल करने का रखो हौसला, खुद में हर मुश्किल को हल दीजिए। हो गर आसमान की ऊँचाई छूने का इरादा, तो जमीन से अपनी उड़ान दीजिए। हो दर्द जो दिल में छुपा गहरा, अपनी ताकत का हिस्सा उसे बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

लगे जब भी जीने की राह कठिन,
इरादों से रास्ते अपने बना दीजिए।
हर ख्वाहिश को हासिल करने का रखो हौसला,
खुद में हर मुश्किल को हल दीजिए।

हो गर आसमान की ऊँचाई छूने का इरादा,
तो जमीन से अपनी उड़ान दीजिए।
हो दर्द जो दिल में छुपा गहरा,
अपनी ताकत का हिस्सा उसे बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों

15 Love

Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए। जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए,
जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए।
कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए,
आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए।

जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ

14 Love

Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए। अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी, उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए। जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में, उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए,
अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए।
मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई,
उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए।

अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी,
उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए।
जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में,
उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत

16 Love

#कॉमेडी

शक्तिमान

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#शायरी  बात अपनी  हमें   भी  बता  दीजिए,
आज सच से  पर्दा  तुम उठा दीजिए।

कौन  अपना  पराया  यहाँ  है  सनम,
आप दिल की जरा अब सुना दीजिए।

©अनिल कसेर "उजाला"

सुना दीजिए

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मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए। ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ, तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए। मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है, राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए। रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से, वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए। हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे, हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए। कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए, वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत',
तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए।

जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश,
उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए।
ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ,
तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए।

मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है,
राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए।
रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से,
वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए।
हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे,
हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए।

कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए,
वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्

13 Love

जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। लगे जब भी जीने की राह कठिन, इरादों से रास्ते अपने बना दीजिए। हर ख्वाहिश को हासिल करने का रखो हौसला, खुद में हर मुश्किल को हल दीजिए। हो गर आसमान की ऊँचाई छूने का इरादा, तो जमीन से अपनी उड़ान दीजिए। हो दर्द जो दिल में छुपा गहरा, अपनी ताकत का हिस्सा उसे बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

लगे जब भी जीने की राह कठिन,
इरादों से रास्ते अपने बना दीजिए।
हर ख्वाहिश को हासिल करने का रखो हौसला,
खुद में हर मुश्किल को हल दीजिए।

हो गर आसमान की ऊँचाई छूने का इरादा,
तो जमीन से अपनी उड़ान दीजिए।
हो दर्द जो दिल में छुपा गहरा,
अपनी ताकत का हिस्सा उसे बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों

15 Love

Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए। जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए,
जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए।
कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए,
आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए।

जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ

14 Love

Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए। अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी, उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए। जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में, उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए,
अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए।
मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई,
उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए।

अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी,
उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए।
जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में,
उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत

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#कॉमेडी

शक्तिमान

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