White ये हादसा, दोबारा कभी हुआ नहीं।
बाद उसके किसीने, रूह को मेरी छुआ नहीं।
चाहता था मै, बस प्यार उसका।
आदमी मै, हवस का भुखा नहीं।
कह सकते हो तुम, इसको फितरत मेरी।
दुश्मनो की अपने, दी कभी बद्दुआ नहीं।
भुला दिया है शायद उसने मुझको।
लेकिन मै अब तक उसको भुला नहीं।
घायल है दिल मेरा सदियों से।
ये और बात है कि, खंज़र अब तक चुभा नहीं।
भरा था जो तालाब अश्को से मेरे।
वो अब तक है सुखा नहीं।
पूरी तो होती नहीं कोई आरज़ू मेरी।
इसीलिए मांगता अब दुआ नहीं।
हो कितनी भी तकलीफ चाहे मुझको।
अहसान किसीका कभी लुंगा नहीं।
तन जुदा हो भले ही हमारे।
मगर रूह हमारी जुदा नहीं।
चलता रहा मै अपनी ही धून में।
रोके से किसी के मै रुका नहीं।
खाई थी कसम ये कभी मैंने।
अलावा उसके किसीको चाहुंगा नहीं।
©BROKENBOY
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