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#जिंदगी #शायरी #अब

#जिंदगी #अब तेरे बिना अधूरी सी लगती है

81 View

#शायरी  Unsplash गुलाब जैसी हो...🥀

गुलाब लगती हो...🌹🌹🌹

हल्का सा मुस्कुरा दों ...😊😊😊

तो लाजवाब लगती हो... 👌👌👌

©Ravi Kumar

लाजवाब लगती हो... 👌❤️👌

135 View

दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे, अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है। कभी जो जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत, अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है। मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में, अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे,
अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है।

मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे,
अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है।

कभी जो  जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत,
अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है।

मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में,
अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर

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Unsplash एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में, जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्या क्या लगती हो ©Ashraf Fani

#ashraffani #library  Unsplash एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो
रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो
होश में हूँ या की बेहोशी में, जो भी हो ये
क्या कहूँ तुम मुझे की और क्या क्या लगती हो

©Ashraf Fani

एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्य

19 Love

#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

"आग्रह के साथ विनम्रता हो और विनम्रता के साथ सत्यता हो तो ऐसे में आग्रह को सत्याग्रह बनने में देरी नहीं लगती." #विनोद #मिश्र #मोटिवे

144 View

White "हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है प्रशंसकों की प्रशंसा से कहीं अधिक खुदा कसम आलोचकों की आलोचना अच्छी लगती है सफलता के शिखर पर चढ़ने का असली रास्ता आलोचकों की आलोचना ही सिखलाती है हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है सुकून मिलता है, असीम शांति मिलती है श्वासों में सुगंध सुमित्रों की घुलती है दिल में ख्वाबों खयालों की सरिता बहती है फिर क्या सृजन को कल्पनाओं की आजाद कलम चल पड़ती है हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है।" सभी प्रशंसकों व आलोचकों को आजाद सलाम। ©Azaad Pooran Singh Rajawat

#शायरी #तनहाई #Sad_Status  White "हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है 
प्रशंसकों की प्रशंसा से कहीं अधिक 
खुदा कसम 
आलोचकों की आलोचना अच्छी लगती है 
सफलता के शिखर पर चढ़ने का असली रास्ता 
आलोचकों की आलोचना ही सिखलाती है 
हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है 
सुकून मिलता है, असीम शांति मिलती है 
श्वासों में सुगंध सुमित्रों की घुलती है 
दिल में ख्वाबों खयालों की सरिता बहती है 
फिर क्या सृजन को कल्पनाओं की 
आजाद कलम चल पड़ती है 


हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है।"
सभी प्रशंसकों व आलोचकों को आजाद सलाम।

©Azaad Pooran Singh Rajawat

#Sad_Status #तनहाई भी अच्छी लगती है#

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#जिंदगी #शायरी #अब

#जिंदगी #अब तेरे बिना अधूरी सी लगती है

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#शायरी  Unsplash गुलाब जैसी हो...🥀

गुलाब लगती हो...🌹🌹🌹

हल्का सा मुस्कुरा दों ...😊😊😊

तो लाजवाब लगती हो... 👌👌👌

©Ravi Kumar

लाजवाब लगती हो... 👌❤️👌

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दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे, अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है। कभी जो जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत, अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है। मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में, अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे,
अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है।

मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे,
अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है।

कभी जो  जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत,
अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है।

मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में,
अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर

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Unsplash एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में, जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्या क्या लगती हो ©Ashraf Fani

#ashraffani #library  Unsplash एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो
रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो
होश में हूँ या की बेहोशी में, जो भी हो ये
क्या कहूँ तुम मुझे की और क्या क्या लगती हो

©Ashraf Fani

एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्य

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#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

"आग्रह के साथ विनम्रता हो और विनम्रता के साथ सत्यता हो तो ऐसे में आग्रह को सत्याग्रह बनने में देरी नहीं लगती." #विनोद #मिश्र #मोटिवे

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White "हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है प्रशंसकों की प्रशंसा से कहीं अधिक खुदा कसम आलोचकों की आलोचना अच्छी लगती है सफलता के शिखर पर चढ़ने का असली रास्ता आलोचकों की आलोचना ही सिखलाती है हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है सुकून मिलता है, असीम शांति मिलती है श्वासों में सुगंध सुमित्रों की घुलती है दिल में ख्वाबों खयालों की सरिता बहती है फिर क्या सृजन को कल्पनाओं की आजाद कलम चल पड़ती है हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है।" सभी प्रशंसकों व आलोचकों को आजाद सलाम। ©Azaad Pooran Singh Rajawat

#शायरी #तनहाई #Sad_Status  White "हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है 
प्रशंसकों की प्रशंसा से कहीं अधिक 
खुदा कसम 
आलोचकों की आलोचना अच्छी लगती है 
सफलता के शिखर पर चढ़ने का असली रास्ता 
आलोचकों की आलोचना ही सिखलाती है 
हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है 
सुकून मिलता है, असीम शांति मिलती है 
श्वासों में सुगंध सुमित्रों की घुलती है 
दिल में ख्वाबों खयालों की सरिता बहती है 
फिर क्या सृजन को कल्पनाओं की 
आजाद कलम चल पड़ती है 


हमको तो तन्हाई भी अच्छी लगती है।"
सभी प्रशंसकों व आलोचकों को आजाद सलाम।

©Azaad Pooran Singh Rajawat

#Sad_Status #तनहाई भी अच्छी लगती है#

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