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White मेरी नानी एक बात कहती थी पता नहीं क्यों कहती थी .... नौटंकी क्यों नहीं करते... पर एक शर्त है अच्छे से क्यों नहीं करते ©neelu

#नौटंकी #अच्छे #क्यों #कहती #नानी #शर्त  White 
मेरी नानी एक बात कहती थी
पता नहीं क्यों  कहती थी
....
नौटंकी क्यों नहीं करते...
पर एक शर्त है अच्छे से क्यों नहीं करते

©neelu

#good_night मेरी #नानी एक बात #कहती थी पता नहीं #क्यों #कहती थी .... #नौटंकी क्यों नहीं करते... पर एक #शर्त है #अच्छे से क्यों #नहीं करते

18 Love

#वीडियो

एक लड़की थी

135 View

थी बातूनी सी उसकी बक बक से सब रहते थे परेशान लेकिन वो बेहतरीन थी जरूरत थी उसके मनोबल क़ो बढ़ाने कि उम्मीद खूब आगे जाना बाबू मेरा आशीर्वाद तुम्हे ताउम्र होगा हाँ होगा ©ranjit Kumar rathour

#कविता  थी बातूनी सी 
उसकी बक बक से 
सब रहते थे परेशान 
लेकिन वो बेहतरीन थी 
जरूरत थी उसके मनोबल 
क़ो बढ़ाने कि 
उम्मीद खूब आगे जाना बाबू मेरा आशीर्वाद तुम्हे 
ताउम्र होगा हाँ होगा

©ranjit Kumar rathour

थी एक बक बक

10 Love

White कौन सुनता है भला अब आरज़ू, सो ख़ामोश है दिल। घुट रहा हूँ मैं बहुत पर क्या करूँ, सो ख़ामोश है दिल। सामने दिल के खड़ा है दिल को बेहद अज़ीज शख़्स, पर नहीं वो चाहता है गुफ़्तगू, सो ख़ामोश है दिल। रात में मैं देखता हूँ दूर उस को जाते हुए पर ख़्वाब में उसको भला मैं क्या कहूँ, सो ख़ामोश है दिल। शख़्स इक बेबाक सा जो दिख रहा है अब बेज़ुबां सा, हाल अपना देखता हूँ हू-ब-हू, सो ख़ामोश है दिल। चाहता है शेर कहना दिल मगर सुबह दफ्तर भी है, शौक जो टपका रहा है यूँ लहू, सो ख़ामोश है दिल। आज जो शायद मुझे झोंका समझ कर के गुजर जाए, कल वहीं होंगे तूफ़ां से रू-ब-रू, सो ख़ामोश है दिल। अब तलक गोविन्द तू उसके लिए ग़ज़ले कह रहा है, जो कहे है इश्क़ मेरा और तू! सो ख़ामोश है दिल। चारण गोविन्द

#शायरी #CharanGovindG #love_shayari #govindkesher #actual_poet  White कौन सुनता है भला अब आरज़ू, सो ख़ामोश है दिल।
घुट रहा हूँ मैं बहुत पर क्या करूँ, सो ख़ामोश है दिल।

सामने दिल के खड़ा है दिल को बेहद अज़ीज शख़्स,
पर नहीं वो चाहता है गुफ़्तगू, सो ख़ामोश है दिल।

रात में मैं देखता हूँ दूर उस को जाते हुए पर
ख़्वाब में उसको भला मैं क्या कहूँ, सो ख़ामोश है दिल।

शख़्स इक बेबाक सा जो दिख रहा है अब बेज़ुबां सा,
हाल अपना देखता हूँ हू-ब-हू, सो ख़ामोश है दिल।

चाहता है शेर कहना दिल मगर सुबह दफ्तर भी है,
शौक जो टपका रहा है यूँ लहू, सो ख़ामोश है दिल।

आज जो शायद मुझे झोंका समझ कर के गुजर जाए,
कल वहीं होंगे तूफ़ां से रू-ब-रू, सो ख़ामोश है दिल।

अब तलक गोविन्द तू उसके लिए ग़ज़ले कह रहा है,
जो कहे है इश्क़ मेरा और तू! सो ख़ामोश है दिल।

चारण गोविन्द

मुद्दत बाद एक मुक़म्मल ग़ज़ल। #poeatry #Shayar #CharanGovindG #govindkesher #actual_poet #Love #gazal #Dil #Hindi #love_shayari

9 Love

#कविता  थी एक दोस्त 
(दीपा )
*************
किसकी बात कर रही हो 
अरे यार दोस्त के बारे ऐसा नहीं कहते 
हा यही तो दुख हैँ 
अब दीपा नहीं रही...
सन्न थे ग्रुप के सभी दोस्त 
सहेलियां थे हम 
बचपन से जवानी तक 
साथ रहे है हम 
फिर अपनी दुनिया मे गुम 
रोज घर परिवार 
पुराने दिनों के किस्से कहानिया 
थोड़ी मस्ती और शरारत 
और फिर एक दिन डरा देने वाली 
खबर किसी ने लिखा 
पता है अपनी शैतान बीमार है 
वो बड़ी परेशानी मे है 
हम पांच सहेलियों मे से एक 
सबने दुआएं कि 
बोला यार तू घबराना मत 
हिम्मत रखना डार्लिंग!
तू तो हम सबकी जान है 
तुझे कुछ नहीं होगा 
लेकिन एक दर्द उभरा 
चंद दिन पहले लिखा नहीं डिअर 
अब मेरा समय करीब है 
और फिर एक सितम्बर 
आज़ ही के दिन
दीपा मेरी जान!
हम सबकी पावर हाउस 
हर बात पर मस्ती 
शरारत का कोई मौका नहीं छोड़ती 
नाम भी कितना सुंदर दीपा..
जिसकी जलना ही नियति थी 
याकायाक बुझ गयी...
दोस्त क़ो स्नेह भरा आलिंगन 
काश! हम सब साथ होते 
और एक बार फिर गले मिलते 
एक तस्वीर तेरी पसंद से खिचवाते 
हा! नियति ने मुझे तुमसे चंद दिन पहले मिलने का मौका दिया था 
मैं भाग्यशाली हूं..
अपने यार को मिल पाया 
तू जहाँ भी रहेगी दमकती रहेगी 
हा हम सारे दोस्त तुम्हे मिस करेँगे 
हा तुझे..मुझे अपने घर लाने का वादा अधूरा रहा गया 
माफ़ी चाहती हूं 
लेकिन तेरी हर बात न्यारी थी 
यार तू हमारी प्यारी दोस्त थी..सदा रहोगी 
मगर एक शिकायत ऊपर वाले से 
इतनी जल्दी भी क्या थी 
अभी तो दीपा क़ो 
काफ़ी कुछ सवारना था 
बाबू के जीवन मे उजाला भरना था 
ये तेरा न्याय ठीक नहीं..
और भगवान आपसे एक मिन्नत है 
मेरी ही नहीं हमारी जान क़ो अपने चरणों मे जगह देना 
बहुत प्यारी है वो हा बहुत प्यारी है
तुझे इस कदर लिखना अच्छा नहीं लगता और 
अब इतनी हिम्मत नहीं कि तुझे और लिख पाऊं...
अश्रुपूरित नयन, बेकल मन से तुझे नमन करती। हुँ 
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏🙏

©ranjit Kumar rathour

एक थी दोस्त (दीपा )

153 View

कहा कहा तलाशे तुम्हे हम आरजू खुद की तलाश भूल गए आरजू अनु

99 View

White मेरी नानी एक बात कहती थी पता नहीं क्यों कहती थी .... नौटंकी क्यों नहीं करते... पर एक शर्त है अच्छे से क्यों नहीं करते ©neelu

#नौटंकी #अच्छे #क्यों #कहती #नानी #शर्त  White 
मेरी नानी एक बात कहती थी
पता नहीं क्यों  कहती थी
....
नौटंकी क्यों नहीं करते...
पर एक शर्त है अच्छे से क्यों नहीं करते

©neelu

#good_night मेरी #नानी एक बात #कहती थी पता नहीं #क्यों #कहती थी .... #नौटंकी क्यों नहीं करते... पर एक #शर्त है #अच्छे से क्यों #नहीं करते

18 Love

#वीडियो

एक लड़की थी

135 View

थी बातूनी सी उसकी बक बक से सब रहते थे परेशान लेकिन वो बेहतरीन थी जरूरत थी उसके मनोबल क़ो बढ़ाने कि उम्मीद खूब आगे जाना बाबू मेरा आशीर्वाद तुम्हे ताउम्र होगा हाँ होगा ©ranjit Kumar rathour

#कविता  थी बातूनी सी 
उसकी बक बक से 
सब रहते थे परेशान 
लेकिन वो बेहतरीन थी 
जरूरत थी उसके मनोबल 
क़ो बढ़ाने कि 
उम्मीद खूब आगे जाना बाबू मेरा आशीर्वाद तुम्हे 
ताउम्र होगा हाँ होगा

©ranjit Kumar rathour

थी एक बक बक

10 Love

White कौन सुनता है भला अब आरज़ू, सो ख़ामोश है दिल। घुट रहा हूँ मैं बहुत पर क्या करूँ, सो ख़ामोश है दिल। सामने दिल के खड़ा है दिल को बेहद अज़ीज शख़्स, पर नहीं वो चाहता है गुफ़्तगू, सो ख़ामोश है दिल। रात में मैं देखता हूँ दूर उस को जाते हुए पर ख़्वाब में उसको भला मैं क्या कहूँ, सो ख़ामोश है दिल। शख़्स इक बेबाक सा जो दिख रहा है अब बेज़ुबां सा, हाल अपना देखता हूँ हू-ब-हू, सो ख़ामोश है दिल। चाहता है शेर कहना दिल मगर सुबह दफ्तर भी है, शौक जो टपका रहा है यूँ लहू, सो ख़ामोश है दिल। आज जो शायद मुझे झोंका समझ कर के गुजर जाए, कल वहीं होंगे तूफ़ां से रू-ब-रू, सो ख़ामोश है दिल। अब तलक गोविन्द तू उसके लिए ग़ज़ले कह रहा है, जो कहे है इश्क़ मेरा और तू! सो ख़ामोश है दिल। चारण गोविन्द

#शायरी #CharanGovindG #love_shayari #govindkesher #actual_poet  White कौन सुनता है भला अब आरज़ू, सो ख़ामोश है दिल।
घुट रहा हूँ मैं बहुत पर क्या करूँ, सो ख़ामोश है दिल।

सामने दिल के खड़ा है दिल को बेहद अज़ीज शख़्स,
पर नहीं वो चाहता है गुफ़्तगू, सो ख़ामोश है दिल।

रात में मैं देखता हूँ दूर उस को जाते हुए पर
ख़्वाब में उसको भला मैं क्या कहूँ, सो ख़ामोश है दिल।

शख़्स इक बेबाक सा जो दिख रहा है अब बेज़ुबां सा,
हाल अपना देखता हूँ हू-ब-हू, सो ख़ामोश है दिल।

चाहता है शेर कहना दिल मगर सुबह दफ्तर भी है,
शौक जो टपका रहा है यूँ लहू, सो ख़ामोश है दिल।

आज जो शायद मुझे झोंका समझ कर के गुजर जाए,
कल वहीं होंगे तूफ़ां से रू-ब-रू, सो ख़ामोश है दिल।

अब तलक गोविन्द तू उसके लिए ग़ज़ले कह रहा है,
जो कहे है इश्क़ मेरा और तू! सो ख़ामोश है दिल।

चारण गोविन्द

मुद्दत बाद एक मुक़म्मल ग़ज़ल। #poeatry #Shayar #CharanGovindG #govindkesher #actual_poet #Love #gazal #Dil #Hindi #love_shayari

9 Love

#कविता  थी एक दोस्त 
(दीपा )
*************
किसकी बात कर रही हो 
अरे यार दोस्त के बारे ऐसा नहीं कहते 
हा यही तो दुख हैँ 
अब दीपा नहीं रही...
सन्न थे ग्रुप के सभी दोस्त 
सहेलियां थे हम 
बचपन से जवानी तक 
साथ रहे है हम 
फिर अपनी दुनिया मे गुम 
रोज घर परिवार 
पुराने दिनों के किस्से कहानिया 
थोड़ी मस्ती और शरारत 
और फिर एक दिन डरा देने वाली 
खबर किसी ने लिखा 
पता है अपनी शैतान बीमार है 
वो बड़ी परेशानी मे है 
हम पांच सहेलियों मे से एक 
सबने दुआएं कि 
बोला यार तू घबराना मत 
हिम्मत रखना डार्लिंग!
तू तो हम सबकी जान है 
तुझे कुछ नहीं होगा 
लेकिन एक दर्द उभरा 
चंद दिन पहले लिखा नहीं डिअर 
अब मेरा समय करीब है 
और फिर एक सितम्बर 
आज़ ही के दिन
दीपा मेरी जान!
हम सबकी पावर हाउस 
हर बात पर मस्ती 
शरारत का कोई मौका नहीं छोड़ती 
नाम भी कितना सुंदर दीपा..
जिसकी जलना ही नियति थी 
याकायाक बुझ गयी...
दोस्त क़ो स्नेह भरा आलिंगन 
काश! हम सब साथ होते 
और एक बार फिर गले मिलते 
एक तस्वीर तेरी पसंद से खिचवाते 
हा! नियति ने मुझे तुमसे चंद दिन पहले मिलने का मौका दिया था 
मैं भाग्यशाली हूं..
अपने यार को मिल पाया 
तू जहाँ भी रहेगी दमकती रहेगी 
हा हम सारे दोस्त तुम्हे मिस करेँगे 
हा तुझे..मुझे अपने घर लाने का वादा अधूरा रहा गया 
माफ़ी चाहती हूं 
लेकिन तेरी हर बात न्यारी थी 
यार तू हमारी प्यारी दोस्त थी..सदा रहोगी 
मगर एक शिकायत ऊपर वाले से 
इतनी जल्दी भी क्या थी 
अभी तो दीपा क़ो 
काफ़ी कुछ सवारना था 
बाबू के जीवन मे उजाला भरना था 
ये तेरा न्याय ठीक नहीं..
और भगवान आपसे एक मिन्नत है 
मेरी ही नहीं हमारी जान क़ो अपने चरणों मे जगह देना 
बहुत प्यारी है वो हा बहुत प्यारी है
तुझे इस कदर लिखना अच्छा नहीं लगता और 
अब इतनी हिम्मत नहीं कि तुझे और लिख पाऊं...
अश्रुपूरित नयन, बेकल मन से तुझे नमन करती। हुँ 
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏🙏

©ranjit Kumar rathour

एक थी दोस्त (दीपा )

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कहा कहा तलाशे तुम्हे हम आरजू खुद की तलाश भूल गए आरजू अनु

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