White ए जिंदगी निकल पड़ी हूं मैं
तूने मुझे जिस पथ पर चलाया है,
कांटे तो बहुत है वहां ,पत्थरों
की चुभन भी है ,
फिर भी चल पड़ी हूं मैं,
ए जिंदगी तेरी फरमाइश जो है,
कहीं फूलों की खुशबू ,कहीं पैरों में
थोड़ी शरारत भी है,
अगर तू ना संभाले तो थोड़ी घबराहट
भी है,
तेरे सहारे ही निकल पड़ी हूँ मैं ,जो
रास्ता तूने दिखाया है,
थोड़ा पतझड़ भी है शबनम भी है,
हकीकत भी है,
पग डंडियों पर चलते हुए पीले सरसों
की खुशबू भी है,
गिरने का डर है तो संभलने का मौका
भी है,
ए जिंदगी निकल पड़ी हूँ मैं, जो रास्ता
तूने दिखाया है,
कहीं सुख है तो कहीं दुख भी है.......
कहीं आसमान छूने की ख्वाहिश तो कहीं
चांद को पाने की फरमाइश भी है।
✍🏼deeptigarg ❤
©Diya
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here