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New कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर Status, Photo, Video

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कुछ पुरुष भी जला दिये जाते है उस "दहेज़ की आग" में जो उसने कभी माँगा नहीं होता है.. ©Sumit Kumar

 कुछ पुरुष भी

 जला दिये जाते है

उस "दहेज़ की आग" में

 जो उसने कभी माँगा नहीं होता है..

©Sumit Kumar

दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life

12 Love

#वीडियो

जिनके बच्चे आग में जल गए उनको भी बीजेपी शासन में धमकियों का दौर जारी है*

189 View

White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां, आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया। तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात, उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया। तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद, वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया। तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून, आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया। तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में, उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया। तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए, हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया। हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ, जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया। तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे, उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"** ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #हुस्न  White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां,
आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया।
तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात,
उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया।

तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद,
वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया।
तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून,
आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया।

तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में,
उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया।
तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए,
हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया।

हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ,
जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया।
तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे,
उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"**

©नवनीत ठाकुर

#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

10 Love

White पल्लव की डायरी दिन के भी उजाले, कम है तरक्की के लिये नींद और चैन अपने गवाते गवाते रातो को भी बाजार रोशन होने लगे है जरूरतों जो कभी कम ना हुयी जीवन रोज खपाते खपाते दौड़ और होड़ की लगी है बाजी मौत के आगोश में जाते जाते प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #good_night  White पल्लव की डायरी
दिन के भी उजाले, कम है
 तरक्की के लिये
नींद और चैन अपने गवाते गवाते
रातो को भी बाजार रोशन होने लगे है
जरूरतों जो कभी कम ना हुयी
जीवन रोज खपाते खपाते
दौड़ और होड़ की लगी है बाजी
मौत के आगोश में जाते जाते
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#good_night दौड़ और होड़ की लगी है बाजी

17 Love

आश किसी और की नहीं

126 View

White सुभिषी पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। ©VEER NIRVEL

 White सुभिषी पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

©VEER NIRVEL

*पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।*

14 Love

कुछ पुरुष भी जला दिये जाते है उस "दहेज़ की आग" में जो उसने कभी माँगा नहीं होता है.. ©Sumit Kumar

 कुछ पुरुष भी

 जला दिये जाते है

उस "दहेज़ की आग" में

 जो उसने कभी माँगा नहीं होता है..

©Sumit Kumar

दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life

12 Love

#वीडियो

जिनके बच्चे आग में जल गए उनको भी बीजेपी शासन में धमकियों का दौर जारी है*

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White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां, आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया। तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात, उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया। तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद, वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया। तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून, आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया। तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में, उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया। तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए, हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया। हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ, जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया। तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे, उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"** ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #हुस्न  White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां,
आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया।
तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात,
उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया।

तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद,
वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया।
तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून,
आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया।

तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में,
उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया।
तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए,
हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया।

हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ,
जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया।
तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे,
उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"**

©नवनीत ठाकुर

#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

10 Love

White पल्लव की डायरी दिन के भी उजाले, कम है तरक्की के लिये नींद और चैन अपने गवाते गवाते रातो को भी बाजार रोशन होने लगे है जरूरतों जो कभी कम ना हुयी जीवन रोज खपाते खपाते दौड़ और होड़ की लगी है बाजी मौत के आगोश में जाते जाते प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #good_night  White पल्लव की डायरी
दिन के भी उजाले, कम है
 तरक्की के लिये
नींद और चैन अपने गवाते गवाते
रातो को भी बाजार रोशन होने लगे है
जरूरतों जो कभी कम ना हुयी
जीवन रोज खपाते खपाते
दौड़ और होड़ की लगी है बाजी
मौत के आगोश में जाते जाते
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#good_night दौड़ और होड़ की लगी है बाजी

17 Love

आश किसी और की नहीं

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White सुभिषी पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। ©VEER NIRVEL

 White सुभिषी पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

©VEER NIRVEL

*पैरामेडीकल एवं राहत कॉलेज ऑफ नर्सिंग परिवार की और से आप सभी प्रियजनों को धनतेरस पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।*

14 Love

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