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New मान्सून अंदाज 2020 Status, Photo, Video

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White ©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कतार अश्क, अलूदा चश्म से आलूदा कजरारी पलके.... वो कुछ बुने हुए ख्वाब कुछ गिले_शिकवे....?जो इब्न_आदम इल्म रखते हुए भी,औरत के अंतर्मन को जानबूझकर बेझिझक उसके द्वारा नजर अंदाज कर देना.... हां मैं लिखती हूं तरतीब से लफ्जों को पिरोकर, तमाम आलमी औरत के अंतर्मन को,उनके मन में चलते शोरगुल करते सांय सांय सन्नाटे को.... गर रही हयात तो मै बहुत कुछ लिखूंगी इन इब्न आदम पर भी .... #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #Quotes #blog  White ©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं....
जार जार होते अल्फ़ाज़
बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कतार अश्क, अलूदा चश्म से आलूदा  कजरारी पलके....
वो कुछ बुने हुए ख्वाब
कुछ गिले_शिकवे....?जो इब्न_आदम इल्म रखते हुए भी,औरत के अंतर्मन को जानबूझकर बेझिझक उसके द्वारा नजर अंदाज कर देना....
हां मैं लिखती हूं तरतीब से लफ्जों को पिरोकर,
तमाम आलमी औरत के अंतर्मन को,उनके मन में चलते शोरगुल करते सांय सांय सन्नाटे को....
गर रही हयात तो मै बहुत कुछ लिखूंगी इन
इब्न आदम पर भी ....
#Shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कता

17 Love

तुम्हें याद रखने का मेरा अंदाज थोड़ा निराला है, मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं, शब्दों में सम्भाला है। कभी लिख दी दो लाइन की शायरी, तुम पर... तो कभी तुम्हारी यादों में पूरा खाली पन्ना ही भर डाला है।। ©Yashpal Sharma&J.K

#विचार  तुम्हें याद रखने का
मेरा अंदाज थोड़ा निराला है,

मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं,
शब्दों में सम्भाला है।

कभी लिख दी
दो लाइन की शायरी, तुम पर...
तो कभी तुम्हारी यादों में
पूरा खाली पन्ना ही भर डाला है।।

©Yashpal Sharma&J.K

तुम्हें याद रखने का मेरा अंदाज थोड़ा निराला है, मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं, शब्दों में सम्भाला है। कभी लिख दी दो लाइन की शायरी, तुम प

16 Love

White उधर की जानेगा उधरवाला इधर की जानेगा इधर वाला मरहमों की तादात न पूछ मेरे घर में कोई हो तो दे असरवाला.. न जाने क्या क्या बंद हैं मेरी मुट्ठी में खोलेगा कोई जिगरवाला.. कितने तो खत लिखे बुलाने गाँव ने कभी न लौटा शहरवाला.. जमाने की नज़र से बच जाती है वो बांधकर ताबीज नजरवाला.. ©अज्ञात

#अंदाज #शायरी  White उधर की जानेगा उधरवाला 
इधर की जानेगा इधर वाला 

मरहमों की तादात न पूछ मेरे घर में 
कोई हो तो दे असरवाला..

न जाने क्या क्या बंद हैं मेरी मुट्ठी में 
खोलेगा कोई जिगरवाला..

कितने तो खत लिखे बुलाने गाँव ने
कभी न लौटा शहरवाला..

जमाने की नज़र से बच जाती है वो 
बांधकर ताबीज नजरवाला..

©अज्ञात

#अंदाज-ए-बयां

21 Love

#कवितावाचिका #माँपापा #सम्मान #विचार #femalerealvoice #wellwisher_taru

हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक मां पापा का सम्मान विधा विचारनुमा भाषा शैली हिन्दी . . भाव वास्तविक मन के भाव

135 View

White ©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कतार अश्क, अलूदा चश्म से आलूदा कजरारी पलके.... वो कुछ बुने हुए ख्वाब कुछ गिले_शिकवे....?जो इब्न_आदम इल्म रखते हुए भी,औरत के अंतर्मन को जानबूझकर बेझिझक उसके द्वारा नजर अंदाज कर देना.... हां मैं लिखती हूं तरतीब से लफ्जों को पिरोकर, तमाम आलमी औरत के अंतर्मन को,उनके मन में चलते शोरगुल करते सांय सांय सन्नाटे को.... गर रही हयात तो मै बहुत कुछ लिखूंगी इन इब्न आदम पर भी .... #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #Quotes #blog  White ©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं....
जार जार होते अल्फ़ाज़
बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कतार अश्क, अलूदा चश्म से आलूदा  कजरारी पलके....
वो कुछ बुने हुए ख्वाब
कुछ गिले_शिकवे....?जो इब्न_आदम इल्म रखते हुए भी,औरत के अंतर्मन को जानबूझकर बेझिझक उसके द्वारा नजर अंदाज कर देना....
हां मैं लिखती हूं तरतीब से लफ्जों को पिरोकर,
तमाम आलमी औरत के अंतर्मन को,उनके मन में चलते शोरगुल करते सांय सांय सन्नाटे को....
गर रही हयात तो मै बहुत कुछ लिखूंगी इन
इब्न आदम पर भी ....
#Shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कता

17 Love

तुम्हें याद रखने का मेरा अंदाज थोड़ा निराला है, मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं, शब्दों में सम्भाला है। कभी लिख दी दो लाइन की शायरी, तुम पर... तो कभी तुम्हारी यादों में पूरा खाली पन्ना ही भर डाला है।। ©Yashpal Sharma&J.K

#विचार  तुम्हें याद रखने का
मेरा अंदाज थोड़ा निराला है,

मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं,
शब्दों में सम्भाला है।

कभी लिख दी
दो लाइन की शायरी, तुम पर...
तो कभी तुम्हारी यादों में
पूरा खाली पन्ना ही भर डाला है।।

©Yashpal Sharma&J.K

तुम्हें याद रखने का मेरा अंदाज थोड़ा निराला है, मैंने तुम्हें तस्वीरों में नहीं, शब्दों में सम्भाला है। कभी लिख दी दो लाइन की शायरी, तुम प

16 Love

White उधर की जानेगा उधरवाला इधर की जानेगा इधर वाला मरहमों की तादात न पूछ मेरे घर में कोई हो तो दे असरवाला.. न जाने क्या क्या बंद हैं मेरी मुट्ठी में खोलेगा कोई जिगरवाला.. कितने तो खत लिखे बुलाने गाँव ने कभी न लौटा शहरवाला.. जमाने की नज़र से बच जाती है वो बांधकर ताबीज नजरवाला.. ©अज्ञात

#अंदाज #शायरी  White उधर की जानेगा उधरवाला 
इधर की जानेगा इधर वाला 

मरहमों की तादात न पूछ मेरे घर में 
कोई हो तो दे असरवाला..

न जाने क्या क्या बंद हैं मेरी मुट्ठी में 
खोलेगा कोई जिगरवाला..

कितने तो खत लिखे बुलाने गाँव ने
कभी न लौटा शहरवाला..

जमाने की नज़र से बच जाती है वो 
बांधकर ताबीज नजरवाला..

©अज्ञात

#अंदाज-ए-बयां

21 Love

#कवितावाचिका #माँपापा #सम्मान #विचार #femalerealvoice #wellwisher_taru

हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक मां पापा का सम्मान विधा विचारनुमा भाषा शैली हिन्दी . . भाव वास्तविक मन के भाव

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