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White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer

#कठपुतली #कविता  White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer

White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer

#कठपुतली #कविता  White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer

White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी, देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।" बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं हर अधिकार अब मेरा है ना अब फिरंगियों का डेरा है बस भारत मेरा है भारत मेरा है ©aditi the writer

#शायरी #gandhi_jayanti  White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी,
देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।"
बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं 
आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं 
हर अधिकार अब मेरा है
ना अब फिरंगियों का डेरा है
बस भारत मेरा है भारत मेरा है

©aditi the writer
#कविता #good_night  White 

कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत
सोच से ही सारी उलझन है जीते जाओ सोचो मत

लिखा हुआ किरदार कहानी में ही चलता फिरता है
कभी है दूरी कभी मिलन है जीते जाओ सोचो मत

नाच सको तो नाचो जब थक जाओ तो आराम करो
टेढ़ा क्यूँ घर का आँगन है जीते जाओ सोचो मत

हर मज़हब का एक ही कहना जैसा मालिक रक्खे रहना
जब तक साँसों का बंधन है जीते जाओ सोचो मत

घूम रहे हैं बाज़ारों में सरमायों के आतिश-दान
किस भट्टी में कौन ईंधन है जीते जाओ सोचो मत

निदा फाजली

©aditi the writer
#विचार #sad_quotes  White उम्मीद पर दुनिया कायम है ,फिर अफसोस क्यों ,गिरने पर ,उठो तैयार हो , और फिर शुरू करो,फिर गिर गए फिर उठो तैयार हो और शुरू करो।।

©अरविन्द (Scolgy....)

#sad_quotes @Anshu writer @Anupriya Santosh Narwar Aligarh @AD Grk @Raj Sabri

153 View

#कविता #दहलीज  White भीतर घर की मीठी बातें,
माँ की ममता, पापा की डांट,
बचपन की वो कहानियाँ,
और बाहर का अजनबी संसार,
जहां हर कदम एक नई चुनौती है।यह दहलीज सिखाती है,
कैसे जीना है हर हाल में,
भीतर की शांति से बाहर की हलचल तक,
यहां खड़े होकर समझो,
जीवन का असली मतलब है क्या।यह दहलीज नहीं, एक पुल है,
जो जोड़ता है रिश्तों को,
बाहर की दौड़ में थक कर,
जब लौटो इस दहलीज पर,
तब समझ में आता है,
यह दहलीज ही असली घर है।

©aditi the writer

White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer

#कठपुतली #कविता  White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer

White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer

#कठपुतली #कविता  White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer

White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी, देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।" बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं हर अधिकार अब मेरा है ना अब फिरंगियों का डेरा है बस भारत मेरा है भारत मेरा है ©aditi the writer

#शायरी #gandhi_jayanti  White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी,
देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।"
बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं 
आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं 
हर अधिकार अब मेरा है
ना अब फिरंगियों का डेरा है
बस भारत मेरा है भारत मेरा है

©aditi the writer
#कविता #good_night  White 

कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत
सोच से ही सारी उलझन है जीते जाओ सोचो मत

लिखा हुआ किरदार कहानी में ही चलता फिरता है
कभी है दूरी कभी मिलन है जीते जाओ सोचो मत

नाच सको तो नाचो जब थक जाओ तो आराम करो
टेढ़ा क्यूँ घर का आँगन है जीते जाओ सोचो मत

हर मज़हब का एक ही कहना जैसा मालिक रक्खे रहना
जब तक साँसों का बंधन है जीते जाओ सोचो मत

घूम रहे हैं बाज़ारों में सरमायों के आतिश-दान
किस भट्टी में कौन ईंधन है जीते जाओ सोचो मत

निदा फाजली

©aditi the writer
#विचार #sad_quotes  White उम्मीद पर दुनिया कायम है ,फिर अफसोस क्यों ,गिरने पर ,उठो तैयार हो , और फिर शुरू करो,फिर गिर गए फिर उठो तैयार हो और शुरू करो।।

©अरविन्द (Scolgy....)

#sad_quotes @Anshu writer @Anupriya Santosh Narwar Aligarh @AD Grk @Raj Sabri

153 View

#कविता #दहलीज  White भीतर घर की मीठी बातें,
माँ की ममता, पापा की डांट,
बचपन की वो कहानियाँ,
और बाहर का अजनबी संसार,
जहां हर कदम एक नई चुनौती है।यह दहलीज सिखाती है,
कैसे जीना है हर हाल में,
भीतर की शांति से बाहर की हलचल तक,
यहां खड़े होकर समझो,
जीवन का असली मतलब है क्या।यह दहलीज नहीं, एक पुल है,
जो जोड़ता है रिश्तों को,
बाहर की दौड़ में थक कर,
जब लौटो इस दहलीज पर,
तब समझ में आता है,
यह दहलीज ही असली घर है।

©aditi the writer
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