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New लहरों से डरकर writer Status, Photo, Video

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सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ,
पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ।

जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ,
हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ।

राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ,
तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ।

दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे,
वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ।

लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता,
 तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश

15 Love

White लहरों में डूबते रहे दरिया नहीं मिला उस से बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला कुछ लोग थोड़ी देर तो अच्छे लगे मगर हम जिसके हो सके कोई ऐसा नहीं मिला वो भी बहुत अकेला हैं शायद मेरी तरह उसको भी कोई चाहने वाला नहीं मिला दो चार दिन कितने सुकून से गुज़र गए सब खैरियत रही कोई अपना नहीं मिला ! ©RAVI PRAKASH

#शायरी #sad_quotes  White लहरों में डूबते रहे दरिया नहीं मिला उस से बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला

कुछ लोग थोड़ी देर तो अच्छे लगे मगर हम जिसके हो सके कोई ऐसा नहीं मिला

वो भी बहुत अकेला हैं शायद मेरी तरह उसको भी कोई चाहने वाला नहीं मिला

दो चार दिन कितने सुकून से गुज़र गए सब खैरियत रही कोई अपना नहीं मिला !

©RAVI PRAKASH

#sad_quotes लहरों में डूबते रहे

14 Love

सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ,
पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ।

जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ,
हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ।

राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ,
तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ।

दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे,
वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ।

लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता,
 तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश

15 Love

White लहरों में डूबते रहे दरिया नहीं मिला उस से बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला कुछ लोग थोड़ी देर तो अच्छे लगे मगर हम जिसके हो सके कोई ऐसा नहीं मिला वो भी बहुत अकेला हैं शायद मेरी तरह उसको भी कोई चाहने वाला नहीं मिला दो चार दिन कितने सुकून से गुज़र गए सब खैरियत रही कोई अपना नहीं मिला ! ©RAVI PRAKASH

#शायरी #sad_quotes  White लहरों में डूबते रहे दरिया नहीं मिला उस से बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला

कुछ लोग थोड़ी देर तो अच्छे लगे मगर हम जिसके हो सके कोई ऐसा नहीं मिला

वो भी बहुत अकेला हैं शायद मेरी तरह उसको भी कोई चाहने वाला नहीं मिला

दो चार दिन कितने सुकून से गुज़र गए सब खैरियत रही कोई अपना नहीं मिला !

©RAVI PRAKASH

#sad_quotes लहरों में डूबते रहे

14 Love

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