White लहरों में डूबते रहे दरिया नहीं मिला उस से बि | हिंदी शायरी

"White लहरों में डूबते रहे दरिया नहीं मिला उस से बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला कुछ लोग थोड़ी देर तो अच्छे लगे मगर हम जिसके हो सके कोई ऐसा नहीं मिला वो भी बहुत अकेला हैं शायद मेरी तरह उसको भी कोई चाहने वाला नहीं मिला दो चार दिन कितने सुकून से गुज़र गए सब खैरियत रही कोई अपना नहीं मिला ! ©RAVI PRAKASH"

 White लहरों में डूबते रहे दरिया नहीं मिला उस से बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला

कुछ लोग थोड़ी देर तो अच्छे लगे मगर हम जिसके हो सके कोई ऐसा नहीं मिला

वो भी बहुत अकेला हैं शायद मेरी तरह उसको भी कोई चाहने वाला नहीं मिला

दो चार दिन कितने सुकून से गुज़र गए सब खैरियत रही कोई अपना नहीं मिला !

©RAVI PRAKASH

White लहरों में डूबते रहे दरिया नहीं मिला उस से बिछड़ के फ़िर कोई वैसा नहीं मिला कुछ लोग थोड़ी देर तो अच्छे लगे मगर हम जिसके हो सके कोई ऐसा नहीं मिला वो भी बहुत अकेला हैं शायद मेरी तरह उसको भी कोई चाहने वाला नहीं मिला दो चार दिन कितने सुकून से गुज़र गए सब खैरियत रही कोई अपना नहीं मिला ! ©RAVI PRAKASH

#sad_quotes लहरों में डूबते रहे

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