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New हज़ार बर्क गिरे Status, Photo, Video

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Unsplash प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है। मोहब्बत सच्ची हो, मगर विश्वास बनाना पड़ता है। मोम सा है रिश्ता प्यार का, ख़ुद को पिघलाना पड़ता है। उस चाँद के दीदार में, नींदें गवानी पड़ती हैं। आसान नहीं है मोहब्बत, इंतेहा से गुजरना पड़ता है। जो खो गए हैं मैं की आड़ में, मैं' से 'हम' में बदलना पड़ता है। इश्क़ का हाल बुरा है, आँखों को सुँझाना पड़ता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #Book  Unsplash प्यार निभाना पड़ता है,
दुःख हज़ार हो मगर,
हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है।
दिल में दबे ज़ज़्बातों को,
एहसास कराना पड़ता है।

मोहब्बत सच्ची हो, मगर
विश्वास बनाना पड़ता है।
मोम सा है रिश्ता प्यार का,
ख़ुद को पिघलाना पड़ता है।

उस चाँद के दीदार में,
नींदें गवानी पड़ती हैं।
आसान नहीं है मोहब्बत,
इंतेहा से गुजरना पड़ता है।

जो खो गए हैं मैं की आड़ में,
मैं' से 'हम' में बदलना पड़ता है।
इश्क़ का हाल बुरा है,
आँखों को सुँझाना पड़ता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Book प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है।

20 Love

White उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार, बस अपने सफर का इरादा कर। मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान, मायूसियों को हंसकर दूर किया कर। थाम ले एक बार फिर से हाथ, यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर। उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर, अपने महबूब पर ऐतबार किया कर। होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार, ऐसी बातों से तू ना घबराया कर। नकार दे दुनियादारी की बातों को, इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #quoteoftheday #instawriters #Yourquoteapp #love_shayari  White उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार,
बस अपने सफर का इरादा कर।
मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान,
मायूसियों को हंसकर दूर किया कर।

थाम ले एक बार फिर से हाथ,
यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर।
उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर,
अपने महबूब पर ऐतबार किया कर।

होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार,
ऐसी बातों से तू ना घबराया कर।
नकार दे दुनियादारी की बातों को,
इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग कर

11 Love

Unsplash "अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया, ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।" "वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ, वक़्त आया तो वही दोस्त कई बार गिरे।" "इश्क़ की राहों में सिखलाए न हमको सब्र, जब संभलना था हमें, टूट के अशआर गिरे।" "ख़ुद को देखा तो समझ आया हमें ये 'नवनीत', पत्थरों से जो बचा था, वो मेरे यार गिरे।" ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash "अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया,
ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।"

"वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ,
वक़्त आया तो वही दोस्त कई बार गिरे।"

"इश्क़ की राहों में सिखलाए न हमको सब्र,
जब संभलना था हमें, टूट के अशआर गिरे।"

"ख़ुद को देखा तो समझ आया हमें ये 'नवनीत',
पत्थरों से जो बचा था, वो मेरे यार गिरे।"

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर "अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया, ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।" "वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ, वक़्त आया त

14 Love

हज़ार ग़म है खुलासा कौन करे, मुस्कुरा देता हूँ तमाशा कौन करे !❤️💯

180 View

#कवितावाचिका #शायरी #ग़ज़ल #wellwisher_taru #indianwriters #अश्क

चिलमन=पर्दे ख़लिश=शिकायत राफ़्ता= संबंधित दरमियां ए साहिल= मझधा, मुकद्दर(भाग्य) स्वलिखित गज़ल शीर्षक समंदर आंखों का विधा गज़ल भाव वास्त

117 View

White वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती पत्थर कोई ना छायादार पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ; श्याम तन, भर बंधा यौवन, नत नयन ,प्रिय- कर्म -रत मन, गुरु हथोड़ा हाथ , करती बार-बार प्रहार ;- सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार । चढ़ रही थी धूप; गर्मियों के दिन दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू रूई - ज्यों जलती हुई भू गर्द चिनगी छा गई, प्राय: हुई दुपहर :- वह तोड़ती पत्थर ! देखे देखा मुझे तो एक बार उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार; देखकर कोई नहीं, देखा मुझे इस दृष्टि से जो मार खा गई रोई नहीं, सजा सहज सीतार , सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार; एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर, ढोलक माथे से गिरे सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा - मैं तोड़ती पत्थर 'मैं तोड़ती पत्थर।' - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ©gudiya

#nojotoenglish #love_shayari #nojotohindi #SAD  White वह तोड़ती पत्थर;
 देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर -
वह तोड़ती पत्थर 
कोई ना छायादार 
पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ;
श्याम तन, भर बंधा यौवन,
 नत नयन ,प्रिय-  कर्म -रत मन,
 गुरु हथोड़ा हाथ ,
करती बार-बार प्रहार ;- 
सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार ।

चढ़ रही थी धूप;
 गर्मियों के दिन 
दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू 

रूई - ज्यों जलती हुई भू
गर्द   चिनगी छा गई,
 प्राय: हुई दुपहर :- 
वह तोड़ती पत्थर !
देखे देखा मुझे तो एक बार 
उस भवन की ओर देखा,  छिन्नतार;
 देखकर कोई नहीं,
 देखा मुझे इस दृष्टि से 
जो मार खा गई रोई नहीं,
 सजा सहज सीतार ,
सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार;
 एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर,
ढोलक माथे से गिरे  सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा -
मैं तोड़ती पत्थर 
                'मैं तोड़ती पत्थर।'
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

©gudiya

#love_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प

22 Love

Unsplash प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है। मोहब्बत सच्ची हो, मगर विश्वास बनाना पड़ता है। मोम सा है रिश्ता प्यार का, ख़ुद को पिघलाना पड़ता है। उस चाँद के दीदार में, नींदें गवानी पड़ती हैं। आसान नहीं है मोहब्बत, इंतेहा से गुजरना पड़ता है। जो खो गए हैं मैं की आड़ में, मैं' से 'हम' में बदलना पड़ता है। इश्क़ का हाल बुरा है, आँखों को सुँझाना पड़ता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #Book  Unsplash प्यार निभाना पड़ता है,
दुःख हज़ार हो मगर,
हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है।
दिल में दबे ज़ज़्बातों को,
एहसास कराना पड़ता है।

मोहब्बत सच्ची हो, मगर
विश्वास बनाना पड़ता है।
मोम सा है रिश्ता प्यार का,
ख़ुद को पिघलाना पड़ता है।

उस चाँद के दीदार में,
नींदें गवानी पड़ती हैं।
आसान नहीं है मोहब्बत,
इंतेहा से गुजरना पड़ता है।

जो खो गए हैं मैं की आड़ में,
मैं' से 'हम' में बदलना पड़ता है।
इश्क़ का हाल बुरा है,
आँखों को सुँझाना पड़ता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Book प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है।

20 Love

White उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार, बस अपने सफर का इरादा कर। मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान, मायूसियों को हंसकर दूर किया कर। थाम ले एक बार फिर से हाथ, यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर। उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर, अपने महबूब पर ऐतबार किया कर। होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार, ऐसी बातों से तू ना घबराया कर। नकार दे दुनियादारी की बातों को, इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #quoteoftheday #instawriters #Yourquoteapp #love_shayari  White उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार,
बस अपने सफर का इरादा कर।
मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान,
मायूसियों को हंसकर दूर किया कर।

थाम ले एक बार फिर से हाथ,
यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर।
उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर,
अपने महबूब पर ऐतबार किया कर।

होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार,
ऐसी बातों से तू ना घबराया कर।
नकार दे दुनियादारी की बातों को,
इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग कर

11 Love

Unsplash "अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया, ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।" "वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ, वक़्त आया तो वही दोस्त कई बार गिरे।" "इश्क़ की राहों में सिखलाए न हमको सब्र, जब संभलना था हमें, टूट के अशआर गिरे।" "ख़ुद को देखा तो समझ आया हमें ये 'नवनीत', पत्थरों से जो बचा था, वो मेरे यार गिरे।" ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash "अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया,
ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।"

"वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ,
वक़्त आया तो वही दोस्त कई बार गिरे।"

"इश्क़ की राहों में सिखलाए न हमको सब्र,
जब संभलना था हमें, टूट के अशआर गिरे।"

"ख़ुद को देखा तो समझ आया हमें ये 'नवनीत',
पत्थरों से जो बचा था, वो मेरे यार गिरे।"

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर "अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया, ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।" "वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ, वक़्त आया त

14 Love

हज़ार ग़म है खुलासा कौन करे, मुस्कुरा देता हूँ तमाशा कौन करे !❤️💯

180 View

#कवितावाचिका #शायरी #ग़ज़ल #wellwisher_taru #indianwriters #अश्क

चिलमन=पर्दे ख़लिश=शिकायत राफ़्ता= संबंधित दरमियां ए साहिल= मझधा, मुकद्दर(भाग्य) स्वलिखित गज़ल शीर्षक समंदर आंखों का विधा गज़ल भाव वास्त

117 View

White वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती पत्थर कोई ना छायादार पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ; श्याम तन, भर बंधा यौवन, नत नयन ,प्रिय- कर्म -रत मन, गुरु हथोड़ा हाथ , करती बार-बार प्रहार ;- सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार । चढ़ रही थी धूप; गर्मियों के दिन दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू रूई - ज्यों जलती हुई भू गर्द चिनगी छा गई, प्राय: हुई दुपहर :- वह तोड़ती पत्थर ! देखे देखा मुझे तो एक बार उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार; देखकर कोई नहीं, देखा मुझे इस दृष्टि से जो मार खा गई रोई नहीं, सजा सहज सीतार , सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार; एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर, ढोलक माथे से गिरे सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा - मैं तोड़ती पत्थर 'मैं तोड़ती पत्थर।' - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ©gudiya

#nojotoenglish #love_shayari #nojotohindi #SAD  White वह तोड़ती पत्थर;
 देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर -
वह तोड़ती पत्थर 
कोई ना छायादार 
पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ;
श्याम तन, भर बंधा यौवन,
 नत नयन ,प्रिय-  कर्म -रत मन,
 गुरु हथोड़ा हाथ ,
करती बार-बार प्रहार ;- 
सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार ।

चढ़ रही थी धूप;
 गर्मियों के दिन 
दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू 

रूई - ज्यों जलती हुई भू
गर्द   चिनगी छा गई,
 प्राय: हुई दुपहर :- 
वह तोड़ती पत्थर !
देखे देखा मुझे तो एक बार 
उस भवन की ओर देखा,  छिन्नतार;
 देखकर कोई नहीं,
 देखा मुझे इस दृष्टि से 
जो मार खा गई रोई नहीं,
 सजा सहज सीतार ,
सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार;
 एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर,
ढोलक माथे से गिरे  सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा -
मैं तोड़ती पत्थर 
                'मैं तोड़ती पत्थर।'
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

©gudiya

#love_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प

22 Love

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