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New ज़ख़्मी सिपाही Status, Photo, Video

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White इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा, टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा। सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों, वहाँ तक मुझको कौन ले जाएगा। ज़ख़्मी दिल की दवा कहाँ मिलती है, मुझे भी उस गली का पता बताएगा। जहाँ टूटे अरमानों का सवेरा होता है, जो ग़म के अंधेरों में चिराग़ जलाएगा। ग़म का समंदर यहाँ गहरा है बहुत, डूबते दिल को साहिल कौन दिखाएगा। जो हारे हैं मोहब्बत की बाज़ी यहाँ, उनका मुक़द्दर फिर कौन बनाएगा। इन रास्तों में अकेले ही चलना है अब, साथ कोई नहीं जो साथ निभाएगा। फिर भी दिल में यही एक सवाल बाकी है, इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #GoodNight  White इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा,
टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा।
सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों,
वहाँ तक मुझको कौन ले जाएगा।

ज़ख़्मी दिल की दवा कहाँ मिलती है,
मुझे भी उस गली का पता बताएगा।
जहाँ टूटे अरमानों का सवेरा होता है,
जो ग़म के अंधेरों में चिराग़ जलाएगा।

ग़म का समंदर यहाँ गहरा है बहुत,
डूबते दिल को साहिल कौन दिखाएगा।
जो हारे हैं मोहब्बत की बाज़ी यहाँ,
उनका मुक़द्दर फिर कौन बनाएगा।

इन रास्तों में अकेले ही चलना है अब,
साथ कोई नहीं जो साथ निभाएगा।
फिर भी दिल में यही एक सवाल बाकी है,
इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#GoodNight इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा, टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा। सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों, वहाँ तक मुझको कौन ले जा

18 Love

उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो। जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर, तेरे अंगों की महक में बिखेर दो। मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर, इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो। भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में, तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो। कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही, अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो। हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब, तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो। हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को, मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #erotica  उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

14 Love

Unsplash kisi ko itna chah lena, ki vo tumhara hi ho jaye, aksar yaad aata hai, tumhe dekhkar ©Dia

#library  Unsplash kisi ko itna chah lena,
ki vo tumhara hi ho jaye,
aksar yaad aata hai,
tumhe dekhkar

©Dia

#library @"Vibharshi" Ranjesh Singh J.K.Ricson ( ved) @Umme Habiba शिवम् सिंह भूमि ज़ख़्मी हर्फ़

18 Love

White इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा, टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा। सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों, वहाँ तक मुझको कौन ले जाएगा। ज़ख़्मी दिल की दवा कहाँ मिलती है, मुझे भी उस गली का पता बताएगा। जहाँ टूटे अरमानों का सवेरा होता है, जो ग़म के अंधेरों में चिराग़ जलाएगा। ग़म का समंदर यहाँ गहरा है बहुत, डूबते दिल को साहिल कौन दिखाएगा। जो हारे हैं मोहब्बत की बाज़ी यहाँ, उनका मुक़द्दर फिर कौन बनाएगा। इन रास्तों में अकेले ही चलना है अब, साथ कोई नहीं जो साथ निभाएगा। फिर भी दिल में यही एक सवाल बाकी है, इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #GoodNight  White इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा,
टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा।
सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों,
वहाँ तक मुझको कौन ले जाएगा।

ज़ख़्मी दिल की दवा कहाँ मिलती है,
मुझे भी उस गली का पता बताएगा।
जहाँ टूटे अरमानों का सवेरा होता है,
जो ग़म के अंधेरों में चिराग़ जलाएगा।

ग़म का समंदर यहाँ गहरा है बहुत,
डूबते दिल को साहिल कौन दिखाएगा।
जो हारे हैं मोहब्बत की बाज़ी यहाँ,
उनका मुक़द्दर फिर कौन बनाएगा।

इन रास्तों में अकेले ही चलना है अब,
साथ कोई नहीं जो साथ निभाएगा।
फिर भी दिल में यही एक सवाल बाकी है,
इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#GoodNight इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा, टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा। सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों, वहाँ तक मुझको कौन ले जा

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उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो। जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर, तेरे अंगों की महक में बिखेर दो। मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर, इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो। भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में, तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो। कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही, अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो। हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब, तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो। हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को, मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #erotica  उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

14 Love

Unsplash kisi ko itna chah lena, ki vo tumhara hi ho jaye, aksar yaad aata hai, tumhe dekhkar ©Dia

#library  Unsplash kisi ko itna chah lena,
ki vo tumhara hi ho jaye,
aksar yaad aata hai,
tumhe dekhkar

©Dia

#library @"Vibharshi" Ranjesh Singh J.K.Ricson ( ved) @Umme Habiba शिवम् सिंह भूमि ज़ख़्मी हर्फ़

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