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New नववर्ष पर कविता Status, Photo, Video

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New Year 2024-25 बीत गया सब धीरे-धीरे सब कुछ बदल जाएगा आने वाला नया कल नया सूरज,नई उम्मीदें लाएगा परिवर्तन तो है शाश्वत नियम ये यूं ही होता जाएगा थामो हाथ तुम नव जीवन का नववर्ष के गीत गुनगुनाओगे तुम राधा नाम को लेकर संग कान्हा साथ मस्त हो जाओ तुम नववर्ष में करो प्रतिज्ञा कुमार्ग न अपनाएंगे जीवन को जिएंगे खुशियों से और किसी का दिल न दुखाएंगे नववर्ष रहे सबका सुख, समृद्धि और खुशहाली से भरा यही प्रार्थना से नववर्ष मनाएंगे ©Harpinder Kaur

 New Year 2024-25 बीत गया सब धीरे-धीरे 
सब कुछ बदल जाएगा 
आने वाला नया कल
नया सूरज,नई उम्मीदें लाएगा 
परिवर्तन तो है शाश्वत नियम 
ये यूं ही होता जाएगा
थामो हाथ तुम नव जीवन का
नववर्ष के गीत गुनगुनाओगे तुम 
राधा नाम को लेकर संग
कान्हा साथ मस्त हो जाओ तुम 
नववर्ष में करो प्रतिज्ञा 
कुमार्ग न अपनाएंगे 
जीवन को जिएंगे खुशियों से 
और किसी का दिल न दुखाएंगे 
नववर्ष रहे सबका
सुख, समृद्धि और खुशहाली 
से भरा 
यही प्रार्थना से नववर्ष 
मनाएंगे

©Harpinder Kaur

# नववर्ष

12 Love

मां की ममता और पिता की मेहनत ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना, हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना। रातों को जागकर लोरी सुनाती है, खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है। हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है, ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है। और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना, हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना। पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना, अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना। खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता, वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता। ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती, मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती। दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए, माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #maaPapa  मां की ममता और पिता की मेहनत

ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना,
हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना।
रातों को जागकर लोरी सुनाती है,
खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है।
हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है,
ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है।

और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना,
हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना।
पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना,
अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना।
खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता,
वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता।

ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती,
मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती।
दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए,
माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए

©Writer Mamta Ambedkar

#maaPapa प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता

10 Love

#कविता

देशभक्ति कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता Entrance examination

126 View

#कविता

कविताएं बारिश पर कविता देशभक्ति कविता हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता

180 View

New Year 2024-25 बीत गया सब धीरे-धीरे सब कुछ बदल जाएगा आने वाला नया कल नया सूरज,नई उम्मीदें लाएगा परिवर्तन तो है शाश्वत नियम ये यूं ही होता जाएगा थामो हाथ तुम नव जीवन का नववर्ष के गीत गुनगुनाओगे तुम राधा नाम को लेकर संग कान्हा साथ मस्त हो जाओ तुम नववर्ष में करो प्रतिज्ञा कुमार्ग न अपनाएंगे जीवन को जिएंगे खुशियों से और किसी का दिल न दुखाएंगे नववर्ष रहे सबका सुख, समृद्धि और खुशहाली से भरा यही प्रार्थना से नववर्ष मनाएंगे ©Harpinder Kaur

 New Year 2024-25 बीत गया सब धीरे-धीरे 
सब कुछ बदल जाएगा 
आने वाला नया कल
नया सूरज,नई उम्मीदें लाएगा 
परिवर्तन तो है शाश्वत नियम 
ये यूं ही होता जाएगा
थामो हाथ तुम नव जीवन का
नववर्ष के गीत गुनगुनाओगे तुम 
राधा नाम को लेकर संग
कान्हा साथ मस्त हो जाओ तुम 
नववर्ष में करो प्रतिज्ञा 
कुमार्ग न अपनाएंगे 
जीवन को जिएंगे खुशियों से 
और किसी का दिल न दुखाएंगे 
नववर्ष रहे सबका
सुख, समृद्धि और खुशहाली 
से भरा 
यही प्रार्थना से नववर्ष 
मनाएंगे

©Harpinder Kaur

# नववर्ष

12 Love

मां की ममता और पिता की मेहनत ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना, हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना। रातों को जागकर लोरी सुनाती है, खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है। हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है, ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है। और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना, हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना। पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना, अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना। खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता, वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता। ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती, मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती। दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए, माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #maaPapa  मां की ममता और पिता की मेहनत

ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना,
हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना।
रातों को जागकर लोरी सुनाती है,
खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है।
हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है,
ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है।

और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना,
हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना।
पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना,
अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना।
खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता,
वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता।

ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती,
मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती।
दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए,
माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए

©Writer Mamta Ambedkar

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