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White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा, सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में, तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में। बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार, जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार। पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी है जरूरी, फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी। चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी। कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो, प्यार का इज़हार करने से किसी से भी ना डरो। या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो, ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005

#अनुप्रास #YourQuoteAndMine #anupras_alankar #sumitkikalamse #sumitmandhana #love_shayari  White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा,
सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। 

क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में,
तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में।

बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार,
जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार।

पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी  है जरूरी,
फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी।

चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, 
सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी।

कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो,
प्यार का इज़हार करने से किसी से  भी ना डरो।

या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो,
ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎

©SumitGaurav2005

अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प

21 Love

#Inspiration #motivate #nojohindi #संयुक्ता_छंद #nojoto_hindi #poetry #poetry_by_heart विधा-संयुक्ता छंद :-वार्णिक गणावली-- सलगा जभान जभान गा (१० वर्ण) प्रति चरण। ११२ १२१ १२१ २ बढ़ते रहो तुम राह में । कुछ प्राप्त हो इस चाह में।। श्रम पे टिका हर मार्ग है। यहाँ श्रेष्ठ कर्म सुमार्ग है।।१ सुन जीत है मिलती उसे। मन जीत की रहती जिसे।। नहि व्यर्थ हो सुन वक्त जी। बन ले व्रती तुम शक्त जी।।२ मत हार मान कभी यहाँ। बस बैठ रत्न मिले कहाँ।। हम सीख लें कर साधना। कर कर्म की हम नाधना।।३ कर ध्यान तू इस बात का। बस आ रहे उस प्रात का।। वरदान ये हमको मिले। हर लें सभी शिकव गिले।। ©Bharat Bhushan pathak

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#संयुक्ता_छंद #nojoto_hindi 
#poetry
#poetry_by_heart 

विधा-संयुक्ता छंद :-वार्णिक
गणावली--
सलगा जभान जभान गा
(१० वर्ण) प्रति चरण।
११२    १२१    १२१  २ 

बढ़ते रहो तुम राह में ।

कुछ प्राप्त हो इस चाह में।।

श्रम पे टिका हर मार्ग है।

यहाँ श्रेष्ठ कर्म सुमार्ग है।।१

सुन जीत है मिलती उसे।

मन जीत की रहती जिसे।।

नहि व्यर्थ हो सुन वक्त जी।

बन ले व्रती तुम शक्त जी।।२

मत हार मान कभी यहाँ।

बस बैठ रत्न मिले कहाँ।।

हम सीख लें कर साधना।

कर कर्म की हम नाधना।।३

कर ध्यान तू इस बात का।

बस आ रहे उस प्रात का।।

वरदान ये हमको मिले।

हर लें सभी शिकव गिले।।

©Bharat Bhushan pathak

love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry on life poetry quotes poetry #Inspiration #motivate #nojohindi #संयुक्ता_छंद #nojoto_hin

10 Love

#Videos

वर्ण तथा वर्णमाला, त्रुटियॉं एवं भ्रम तथा तर्क और वैज्ञानिकता videos Shilpa Yadav Vishalkumar "Vishal" @usFAUJI Dhanraj Gamare Raj k alf

153 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #diwali_wishes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून  लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को

10 Love

White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा, सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में, तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में। बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार, जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार। पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी है जरूरी, फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी। चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी। कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो, प्यार का इज़हार करने से किसी से भी ना डरो। या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो, ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005

#अनुप्रास #YourQuoteAndMine #anupras_alankar #sumitkikalamse #sumitmandhana #love_shayari  White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा,
सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। 

क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में,
तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में।

बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार,
जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार।

पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी  है जरूरी,
फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी।

चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, 
सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी।

कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो,
प्यार का इज़हार करने से किसी से  भी ना डरो।

या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो,
ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎

©SumitGaurav2005

अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प

21 Love

#Inspiration #motivate #nojohindi #संयुक्ता_छंद #nojoto_hindi #poetry #poetry_by_heart विधा-संयुक्ता छंद :-वार्णिक गणावली-- सलगा जभान जभान गा (१० वर्ण) प्रति चरण। ११२ १२१ १२१ २ बढ़ते रहो तुम राह में । कुछ प्राप्त हो इस चाह में।। श्रम पे टिका हर मार्ग है। यहाँ श्रेष्ठ कर्म सुमार्ग है।।१ सुन जीत है मिलती उसे। मन जीत की रहती जिसे।। नहि व्यर्थ हो सुन वक्त जी। बन ले व्रती तुम शक्त जी।।२ मत हार मान कभी यहाँ। बस बैठ रत्न मिले कहाँ।। हम सीख लें कर साधना। कर कर्म की हम नाधना।।३ कर ध्यान तू इस बात का। बस आ रहे उस प्रात का।। वरदान ये हमको मिले। हर लें सभी शिकव गिले।। ©Bharat Bhushan pathak

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विधा-संयुक्ता छंद :-वार्णिक
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सलगा जभान जभान गा
(१० वर्ण) प्रति चरण।
११२    १२१    १२१  २ 

बढ़ते रहो तुम राह में ।

कुछ प्राप्त हो इस चाह में।।

श्रम पे टिका हर मार्ग है।

यहाँ श्रेष्ठ कर्म सुमार्ग है।।१

सुन जीत है मिलती उसे।

मन जीत की रहती जिसे।।

नहि व्यर्थ हो सुन वक्त जी।

बन ले व्रती तुम शक्त जी।।२

मत हार मान कभी यहाँ।

बस बैठ रत्न मिले कहाँ।।

हम सीख लें कर साधना।

कर कर्म की हम नाधना।।३

कर ध्यान तू इस बात का।

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हर लें सभी शिकव गिले।।

©Bharat Bhushan pathak

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वर्ण तथा वर्णमाला, त्रुटियॉं एवं भ्रम तथा तर्क और वैज्ञानिकता videos Shilpa Yadav Vishalkumar "Vishal" @usFAUJI Dhanraj Gamare Raj k alf

153 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #diwali_wishes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून  लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

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